नई दिल्ली: देश के सबसे बड़े किसान संगठनों में से एक ‘भारतीय किसान संघ’ ने लखीमपुर खीरी में भड़की हिंसा को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा है कि इसमें शामिल लोग किसान नहीं थे। ‘भारतीय किसान संघ’ ने साफ़ तौर पर कहा है कि ये विभिन्न सियासी दलों के लोग थे, जिन्होंने वामपंथी तरीकों से इस वारदात को अंजाम दिया। संगठन ने कहा कि जिस प्रकार से लाठी-डंडों से पीट-पीट कर लोगों की निर्मम हत्या की गई, किसान ऐसा काम नहीं कर सकते। ‘भारतीय किसान संगठन’ ने आगे कहा कि, 'कानून हाथ में लेना, सरेआम हत्याएँ कराना… ऐसा लगता है जैसे पेशवर लोगों ने, जल्लादों ने ये काम किया हो। इस घटना की जितनी निंदा की जाए, कम है। इस तरह के कृत्यों में शामिल लोगों को कठोरतम दंड दिया जाना चाहिए। हम माँग करते हैं कि इस घटना की निष्पक्ष जाँच करा के जल्द से जल्द मृतकों के परिवार वालों को इंसाफ मिले। हम मृतकों के परिजनों के साथ संवेदना व्यक्त करते हैं।' वहीं योगी आदित्यनाथ की सरकार ने 20 घंटों के अंदर पीड़ितों से बात कर के स्थिति को संभाल लिया, जिससे यहाँ सियासी लाभ की आस लगाए बैठे नेताओं को भी मायूसी हाथ लगी है। बड़े पैमाने पर प्रदर्शन की योजना थी और कई विपक्षी नेताओं सहित तथाकथित समाजसेवी भी यहाँ पहुँच रहे थे, मगर प्रशासन ने स्थिति संभाल लिया। नेताओं को यहाँ आने से रोका गया, ताकि इलाके में तनाव न बढ़े। FIR भी की गई। मृतकों के आश्रितों के लिए मुआवजे का ऐलान किया गया। EU ड्रग रेगुलेटर ने दी सभी वयस्कों के लिए फाइजर बूस्टर कोविड वैक्सीन को मंजूरी लेबनान अंतरराष्ट्रीय समर्थन के लिए IMF के साथ विचार विमर्श है जारी नेपाल के काठमांडू हवाई अड्डे पर 80 लोगों के साथ फिसला विमान