भारतीय स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी (बीएसडीयू), जयपुर ने डा. अचिंत्य चैधरी को कुलपति नियुक्त किया है। अब तक इस पद पर कार्यरत डा (ब्रि) सुरजीतसिंह पाब्ला को बीएसडीयू के प्रो-चांसलर के तौर पर पदोन्नत किया गया है। डा. अचिंत्य चैधरी को दिसंबर, 2018 में बीएसडीयू में रजिस्ट्रार के पद पर नियुक्त किया गया था। 2016 में बीएसडीयू की स्थापना के समय ही डा (ब्रि) सुरजीतसिंह पाब्ला बीएसयूडी में शामिल हुए थे। वे भी विश्वविद्यालय के संस्थापक स्वर्गीय डॉ राजेंद्र कुमार जोशी की इन मान्यताओं को स्वीकार करते हैं कि देश और दुनिया को आज कुशल और दक्ष युवाओं की आवश्यकता है। भारतीय स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी के प्रो-चांसलर डा (ब्रि) सुरजीतसिंह पाब्ला कहते हैं, ‘‘मुझे खुशी है कि डॉ अचिंत्य चैधरी को भारतीय स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी का कुलपति बनाया गया है, और मुझे यकीन है कि वह अपनी सबसे अच्छी भूमिका को बेहतर तरीके से निभाने में कामयाब रहेंगे। मैं अपनी नई भूमिका के तहत विश्वविद्यालय और यहाँ के शिक्षकों को मार्गदर्शन और अपनी तरफ से हरसंभव सहायता प्रदान करना जारी रखूँगा। यहां हर किसी का उद्देश्य छात्रों को उनके पूरे कॅरियर के दौरान मदद करने के लिए सर्वोत्तम शिक्षा और अनुभव प्रदान करना है। नए और अनुभवी हाथों में आने के बाद अब विश्वविद्यालय और समृद्ध होने और अच्छे बदलाव देखने के लिए तैयार है।” भारतीय स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी के कुलपति डाॅ अचिंत्य चैधरी ने इस अवसर पर कहा, ‘‘मुझे यह नया दायित्व हासिल करते हुए बेहद खुशी का अनुभव हो रहा है। मैं सुनिश्चित करूंगा कि डॉ राजेंद्र कुमार जोशी और डॉ (ब्रिगेडियर) पाब्ला की नीतियों को विश्वविद्यालय में कायम रखा जाए, साथ ही बीएसडीयू की बेहतरी के लिए नई तकनीकों और विचारों का भी हम स्वागत करेंगे। वर्तमान आर्थिक संकट के समय और भारत के युवाओं के बीच बेरोजगारी के मुद्दे का सामना करने के लिए कौशल शिक्षा आज के दौर में बेहद महत्वपूर्ण है। कौशल शिक्षा के माध्यम से, हमारे छात्रों को न केवल अकादमिक उत्कृष्टता प्राप्त होगी, बल्कि व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करने के लिए उन्हें उद्योगों में प्रशिक्षित किया जाएगा, जो यह सुनिश्चित करेगा कि उन्हें अच्छे वेतन वाली और कहीं अधिक सुरक्षित नौकरियां मिल सकें।” डाॅ अचिंत्य चैधरी ने एनआईटी सिलचर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की उपाधि, आईआईटी खड़गपुर से एम टेक और आईआईटी दिल्ली से पीएच डी की डिग्री हासिल की है। उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में 35 से अधिक वर्षों का अनुभव है, जो एनआईटी सिलचर में उनकी नियुक्ति के साथ शुरू हुआ। उन्होंने अकादमिक क्षेत्र में अनेक अग्रणी पदों पर भी काम किया, जिनमें सिक्किम मणिपाल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (सिक्किम मणिपाल विश्वविद्यालय का एक घटक कॉलेज) में डीन-एकेडमिक्स, पश्चिम बंगाल के आसनसोल इंजीनियरिंग कॉलेज में प्राचार्य और सर पदमपत सिंघानिया विश्वविद्यालय, उदयपुर में डीन और प्रो-वाइस चांसलर के पद शामिल हैं। बीएसडीयू ने कुछ अन्य संकाय सदस्यों को नई भूमिकाओं, नामों और नए पदनामों के साथ पदोन्नत किया है, जिनके नाम इस प्रकार हैंः- प्रो कुमकुम गर्ग - डीन, एकेडमिक्स प्रो शिशिर चंद्र भादुड़ी - डीन, फैकल्टी ऑफ ऑटोमोटिव, इलेक्ट्रिकल एंड आरएसी स्किल्स प्रो अनुराग - डीन, फैकल्टी ऑफ इंफॉर्मेटिक्स एंड ऑटोमेशन प्रो (सीडीआर) अनिल राणा - डीन, फैकल्टी ऑफ मैन्युफैक्चरिंग स्किल्स ब्रिगेडियर (डॉ) सोमनाथ मिश्रा - रजिस्ट्रार कमोडोर (डॉ) जवाहर एम जांगिड़ - डायरेक्टर, इंडस्ट्रियल रिलेशंस बीएसडीयू के बारे में भारतीय स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी (बीएसडीयू) कौशल आधारित यूनिवर्सिटी है। बीएसडीयू को स्थापित करने के पीछे उद्देश्य भारतीय प्रतिभाशाली युवाओं के लिए अवसरों को उत्पन्न करते हुए उन्हें विधिवत ट्रेनिंग, गुणवत्तापूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर, और बेहतरीन तरीके से डिजाइन किया गया पाठ्यक्रम उपलब्ध कराना है, ताकि वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए काबिल बन सकें। छात्रों को विशेषज्ञों की देखरेख में प्रशिक्षण मिलता है और मशीनरी के साथ ठीक से काम करने का अनुभव प्राप्त होता है। विश्वविद्यालय छात्रों को व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करता है और प्रत्येक व्यक्ति को बेहतर प्रशिक्षण देने के लिए 1 छात्र = 1 मशीन के आदर्श वाक्य का अनुसरण किया जाता है। बीएसडीयू विनिर्माण और सेवा उद्योग के लिए छात्रों को प्रशिक्षण प्रदान करने की दिशा में काम करता है और उन्हें कौशल के अनुसार कॅरियर बनाने के लिए प्रोत्साहित करता है। पीयूष गोयल ने कारोबारी समझौते आरसीईपी को लेकर उद्योग जगत को दिया यह भरोसा बैंकिग संकट पर सरकार को नोबेल विजेता अभिजीत बनर्जी की सलाह से कांग्रेस सहमत नहीं नोबेल विजेता अभिजीत बनर्जी ने बैंकिंग संकट को लेकर सरकार को दी यह सलाह