इंदौर: इंदौर के राष्ट्रीय संत भय्यू महाराज ने अपने घर में खुद को गोली मार ली थी. मगर उनकी हत्या या आत्महत्या पर संशय जारी है और इसी बीच लगातार जांच कर रही पुलिस के हाथों 11 पन्नों का एक गोपनीय पत्र लगा है. जिसमे लिखा है कि “मै भय्यू जी महाराज का विश्वसनीय सेवादार हूं, लेकिन मौत के डर से नाम उजागर नहीं कर सकता. पत्र में कहा गया है कि वह भय्यू महाराज की मौत का पूरा राज जनता है. उसने बताया कि भय्यू जी महाराज पिछले दो सालो से मानसिक तनाव में थे. डॉ आयुषी के आने के बाद वह अकेला महसूस करने लगे थे. डॉ आयुषी ने उनपर निगरानी रखना शुरू कर दिया था. वह महाराज से जुड़े हर व्यक्ति, घर और आश्रम में होने वाली बैठकों के बारे में सेवादार और नौकरों से जानकारी लेने लगी थी. इस कारण भय्यू जी को कई बार करीबियों से छुपकर बातें करना पड़ती थी. डॉ आयुषी भय्यू जी की पहली पत्नी माधवी के बारे में चर्चा करने पर भड़क जाती थी और माधवी की सभी तस्वीरे घर से हटा दी थी. डॉ आयुषी कुहू से बात करने पर भी प्रतिबंध लगा दिया था. साथ ही यह भी लिखा गया है कि डॉ आयुषी भय्यू जी की पूरी प्रॉपर्टी हथियाना चाहती थी. डॉ.आयुषी ने मां रानी और पिता अतुल शर्मा को इंदौर बुलाया और सिल्वर स्प्रिंग फेज-2 में मकान दिलवा दिया. भाई अभिनव और चाचा उमेश शर्मा को आश्रम में काम पर लगवा दिया. उमेश तो आश्रम से 50 हजार रुपए महीना वेतन भी लेने लगा था. घर के ऐसे माहौल के कारण उनकी बहनों और बहनोइयों ने आना बंद कर दिया. इन सबसे महाराज का तनाव इतना बढ़ गया कि उन्हें आत्महत्या करनी पड़ी. गुप्त सेवादार ने पत्र में बताया कि घटना के कुछ देर पहले डॉ. आयुषी घर से कॉलेज गई थी लेकिन ऐनवक्त पर लौट आई. उस वक्त घर में कई सेवादार मौजूद थे लेकिन किसी ने भी गोली की आवाज नहीं सुनी.” अब इस पत्र ने मामले को नया मोड़ देने का काम किया है हालांकि ये सभी बातें मीडिया में कई दिनों से चल रही थी और पारिवारिक कलह, दूसरी, पत्नी बेटी, जायदाद और एक सेवादार को सुसाइड नोट में साडी जिम्मेदारी का जिक्र सभी शक के दायरे में है ऐसे में इस लेटर का मिलना एक नया मोड़ है. भय्यू महाराज को लेकर करणी सेना का बड़ा खुलासा भय्यूजी महाराज: विनायक, परिवार, पिस्तौल और प्रॉपटी सब संदेह में भय्यू महाराज की बेशुमार दौलत पर एक नज़र भय्यूजी महाराज के दूसरे सूसाइड नोट पर शक की सुई