भय्यूजी महाराज: विनायक, परिवार, पिस्तौल और प्रॉपटी सब संदेह में

भोपाल: भय्यूजी महाराज की खुदकुशी  के कई कारण निकल कर आ रहे है और कई तरह की बातें की जा रही है. हत्या या आत्महत्या पर सस्पेंस बरक़रार है. पारिवारिक कलह इसमें पहली वजह के रूप में सामने आ रही है. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि एक ओर भय्यूजी घर की कलह से परेशान थे, वहीं दूसरी ओर दूसरी शादी ने उनकी प्रतिष्ठा को प्रभावित किया था. उनके भक्तों की संख्या तो घटी थी ही साथ में राजनीतिक क्षेत्र में भी पूछ-परख घट रही थी.

इसी वजह से उन्होंने यह कदम उठाया. इधर, भय्यूजी महाराज की मौत के तीन बाद इंदौर पुलिस ने इस आशंका को पूरी तरह खारिज किया है कि भय्यूजी की हत्या की गई थी. अब तक परिजनों से पूछताछ में जो तथ्य सामने आए हैं उनसे भी आत्महत्या की बात सामने आती है. सूत्रों के मुताबिक, आत्महत्या से पहले भय्यूजी ने दो पन्ने का जो नोट लिखा था. उसमें उन्होंने विनायक को ट्रस्ट के कामकाज के लिए अधिकृत किया था अपना वारिस नहीं बताया है. वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के मुताबिक, भय्यूजी ने जिस पिस्टल से आत्महत्या की, उसका लाइसेंस उन्हीं के नाम पर था.

वह लाइसेंस मध्य प्रदेश से जारी नहीं हुआ था. उन्होंने महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले से अपना लाइसेंस बनवाया था. भय्यूजी के परिजनों, सेवादारों और ट्रस्ट से जुड़े लोगों से पूछताछ के दौरान जो जानकारी सामने आई है, उसके मुताबिक भय्यूजी गृहकलह से परेशान थे. वही कानून के जानकारों के अनुसार कानूनी रूप से उनकी पैतृक और निजी संम्पत्ति की उत्तराधिकारी मां, पत्नी और बेटी हैं. फ़िलहाल कई पहलुओं पर जांच की जा रही है. 

 

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