गोली मारकर खुदकुशी करने वाले मध्य प्रदेश के हाई प्रोफाइल संत बय्यू जीमहाराज का सफर विवादों से भरा रहा है. अच्छी नौकरी, मॉडलिंग, संत बने, शीर्ष नेताओं के खास, एक महिला ने उन पर आरोप लगाया कि वो उनके बच्चे के पिता हैं, दो शादियां, आलीशान जिंदगी, लग्जरी कारों और महँगी चीजों के शौकीन रहने वाले ये संत कई बार विवादों में आये. भय्यूजी महाराज ने दिल्ली में अनशन में बैठे अन्ना हजारे के मामले में मध्यस्थता की थी. इसके बाद ही अन्ना ने अपना अनशन खत्म कर दिया था. तभी ये भी पता चला कि देशभर के कई आला नेता और मंत्री उनसे जुड़े हुए है. प्रतिभा पाटील, नरेंद्र मोदी, नितिन गडकरी, स्मृति ईरानी, रमन सिंह, उद्धव ठाकरे, पृथ्वीराज चौहान आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान और गुजरात की सीएम आनंदी बेन पटेल ,महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख,शिवसेना के उद्धव ठाकरे और मनसे के राज ठाकरे, लता मंगेशकर, आशा भोंसले, अनुराधा पौडवाल, फिल्म एक्टर मिलिंद गुणाजी और देवेंद्र फडणवीस जैसे बहुत से नेताओं के साथ भय्यू महाराज का संपर्क था. भय्यूजी महाराज का जन्म मध्य प्रदेश के शुजालपुर में हुआ था. उनका असल नाम उदय सिंह देशमुख था. उन्होंने पढाई पूरी करने के बाद मुंबई की एक बड़ी कंपनी में मैनेजमेंट में नौकरी की. फिर उन्होंने कुछ समय तक के लिए मॉडलिंग भी की. वो सियाराम शूटिंग के लिए मॉडलिंग करते थे. उसके बाद संत बनने का निर्णय लिया. वह गृहस्थ संत थे. वो ऐसे आध्यात्मिक गुरु थे, जो आलीशान जिंदगी जीते थे, महंगी गाडिय़ों से परहेज नहीं करते थे. उनके बारे में मशहूर था कि वो मशहूर कारों के अलावा स्विस घड़ियों के शौकीन हैं. लेकिन ट्रस्ट के खाते में कितने पैसे हैं, इसे उंगलियों पर गिनाने के लिए तैयार रहते थे. . दूसरी शादी के दौरान ही एक महिला ने उन पर खुद से संबंधों का आरोप लगाया. इसी महिला ने वर्ष 2005 में उनके खिलाफ मुकदमा दायर करते हुए उन्हें अपने पुत्र चैत्नय का पिता बताया. ये महिला उनकी श्रद्धालु थी. जिसका नाम सीमा वानखडे था. भय्यू जी महाराज के सुसाइड नोट के मुख्य बिंदु बेटी को लेकर परेशान थे भय्यू महाराज, पर सुसाइड नोट में जिक्र नहीं भय्यू महाराज का शव पोस्टमार्टम के लिए एमवाय रवाना किया गया भय्यू महाराज की खुदकुशी की सीबीआई जांच की मांग