भीमा-कोरेगांव हिंसा मामला : SC ने फैसला रखा सुरक्षित, एक हफ्ते और नजरबंद रहेंगे पांचों मानवाधिकार कार्यकर्ता

नई दिल्ली। पिछले कई  दिनों से देश में सुर्ख़ियों में चल रहे विवादित भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट ने आज इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रखा है। कोर्ट अब इस मामले में अपना फैसला अगले हफ्ते सुनाएगी। 

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इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई तक इन पांचों मानवाधिकार कार्यकर्ता को घर में ही नजरबन्द रखने का आदेश दिया है। इस सुनवाई के दौरान के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार की ओर से एक बड़ा खुलासा भी किया गया है। महाराष्ट्र सरकार के वकील तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में दलील देते हुए कहा है कि प्रकाश चेतन और साईबाबा एक ही आदमी के नाम हैं।  तुषार ने कोर्ट को यह भी बताया कि प्रकाश चेतन सिर्फ हिंदी हिंदी जानता ही नहीं बल्कि  हिंदी में  अच्छे से भाषण भी देता है। 

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गौरतलब है कि महाराष्ट्र के भीमा कोरेगांव में  पिछले महीने एक बड़ी हिंसा भड़क गई थी। इसके बाद महाराष्ट्र पुलिस ने हिंसा भड़काने के आरोप में सुधा भारद्वाज और वरवरा राव समेत कुल पांच सामाजिक कार्यकर्ताओं के घरों पर छापेमारी कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। इस गिरफ्तारी के बाद से इस मामले काफी राजनितिक बहसबाजी और हंगामा हुआ था। इसके बाद  यह मामला सुप्रीमकोर्ट तक पहुंचा था जहा पर विभिन्न वजहों से इस मामले में सुनवाई टलते जा रही थी। 

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