महाराष्ट्र सरकार में भीमा कोरेगांव मामला काफी समय से चर्चा में रहा है. लेकिन अब भीमा कोरेगांव आयोग ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार को 4 अप्रैल को आयोग के सामने पेश होने के लिए कहा है. आयोग उन कारणों की पूछताछ कर रहा है जिसके कारण महाराष्ट्र में 2018 भीमा कोरेगांव हिंसा हुई थी. कोरोना के कारण लॉकडाउन हुआ फिलीपींस, फंसे 1500 भारतीयों ने सरकार से मांगी मदद आपकी जानकारी के लिए बता दे कि अभी कुछ दिन पहले ही भीमा कोरेगांव हिंसा की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी को सौंपने के बाद शिवसेना और एनसीपी के बीच खींचतान बढ़ गयी थी. जिसे लेकर एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने उद्धव ठाकरे के निर्णय पर नाखुशी जतायी थी और पार्टी के सभी 16 मंत्रियों की बैठक भी बुलाई थी. ज्ञात हो कि एल्गार परिषद की जांच का कार्य भी एनआइए को ही सौंपा गया है. कोरोना से पाक के हाल बेहाल, इमरान बोले- हम वायरस से बचेंगे तो भूख से मर जाएंगे अगर आपको नही पता तो बता दे कि राकांपा प्रमुख शरद पवार ने कोल्हापुर में एक रैली के दौरान मोदी सरकार पर जांच अपने हाथ में लेने का आरोप लगाया था, पहले ये जांच का कार्य राज्य सरकार के पास था. शरद पवार ने कहा था कि महाराष्ट्र सरकार भीमा कोरे गांव मामले पर कुछ निर्णय लेने वाली थी, इसलिए केंद्र सरकार ने एल्गार परिषद के मामले को अपने हाथ में लिया. जबकि कानून व्यवस्था राज्य सरकार के हाथ होनी चाहिये. लेकिन हैरान करने वाली बात है कि राज्य सरकार ने केंद्र के इस फैसल का विरोध नहीं किया. हिरासत से रिहा हुए दिग्गविजय, पहुंचे कमीश्नर से मिलने तीन वर्ष तक उत्तरप्रदेश में राज करने के बाद योगी सरकार ने बनाया नया प्लान कोरोना की वजह से भाजपा में भूचाल, क्या नही होगा कोई आंदोलन ?