CBI के हाथों रिश्वत लेते पकड़े गए FCI के डिविजनल मैनेजर सहित चार लोग

भोपाल: सुरक्षा एजेंसी के बिलों के भुगतान के लिए रिश्वत मांगने के मामले में भारतीय खाद्य निगम (एफसीआइ) के भोपाल स्थित कार्यालय के चार अधिकारियों और कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया है। इन्हे केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) ने गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि सीबीआइ ने इन्हें एक लाख रुपये लेते रंगे हाथों गिरफ्त में लिया है। जी दरअसल सुरक्षा एजेंसी का मुख्यालय गुरुग्राम में है और रिश्वत की राशि नहीं मिलने पर बिलों का भुगतान नहीं किए जाने पर एजेंसी ने सीबीआइ को शिकायत की थी।

इस मामले में मिली जानकारी के तहत, गुरुग्राम स्थित सुरक्षा एजेंसी कैप्टन कपूर एंड संस को इस वर्ष जनवरी में गार्ड की तैनाती के लिए 11 लाख 30 हजार रुपये प्रतिमाह पर टेंडर मिला था। वहीं एफसीआइ के अधिकारी एजेंसी से बतौर रिश्वत प्रतिमाह 10 फीसद कमीशन मांग रहे थे। ऐसे में जब उनको रिश्वत नहीं दी गई तो बिलों का भुगतान रोक दिया गया। इस मामले में एजेंसी के वरिष्ठ अधिकारियों ने मामले के निपटारे के लिए चर्चा की तो एफसीआइ के अधिकारियों ने पुराने बिलों के भुगतान के लिए 50 हजार और नए बिलों के भुगतान के बदले 70 हजार रुपये की मांग की।

बीते गुरुवार को एजेंसी की तरफ से इस संबंध में सीबीआइ को शिकायत की गई। उसके बाद सीबीआई ने आरोपितों को रंगे हाथ पकड़ने के लिए बीते शुक्रवार शाम को एक लाख रुपये लेने के लिए मैनेजर (अकाउंट) को भोपाल के माता मंदिर क्षेत्र में बुलाया गया। यहाँ रिश्वत की राशि लेने के बाद एफसीआइ के डिविजनल मैनेजर हर्ष इनायका, मैनेजर (अकाउंट) अरुण श्रीवास्तव, मैनेजर (सिक्यूरिटी) मोहन पराते और क्लर्क किशोर मीणा को गिरफ्तार किया जा चुका है। बताया जा रहा है रिश्वत की राशि लेने के लिए एक कार से अरुण श्रीवास्तव आया था। जब उसे पकड़ा गया तो उसने कहा कि ''इसमें मेरा ही हिस्सा नहीं है, मैनेजर (सिक्यूरिटी) मोहन पराते भी शामिल है।'' देखते ही देखते सभी नाम खुलते गए और सभी को पकड़ा गया।

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