भोपाल: पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने हाल ही में प्रदेश भाजपा की पार्टी लाइन से एक अलग ही रास्ता अपना लिया है। जी दरअसल यह पूरा मामला शराबबंदी को लेकर है। हाल ही में उमा ने कुछ ट्वीट्स किये हैं और शिवराज सरकार को निशाने पर लिया है। आप देख सकते हैं उन्होंने कुछ ट्वीट्स किये हैं जिनमे उन्होंने शिवराज सरकार पर तंज कसा है। मैंने गंगा को 8 मार्च 2021 को महिला दिवस पर शराब एवं नशमुक्ति अभियान प्रारम्भ करने की तैयारी करने के लिये कहा है । आगे का विवरण वह स्वयं आप सबको 5 दिन बाद बतायेंगी । — Uma Bharti (@umasribharti) February 2, 2021 एक ट्वीट में उन्होंने लिखा है 'वे 8 मार्च को महिला दिवस के अवसर पर शराबबंदी का अभियान शुरू करेंगी। मध्य प्रदेश की बेटी खुशबू इसकी प्लानिंग कर रही है। यह किस तरह का होगा, इसकी जानकारी अगले पांच दिन में पता चल जाएगी।' आप सभी को हम यह भी बता दें कि प्रदेश सरकार साल 2021-22 के लिए जल्द ही नई शराब नीति लागू करने वाली है। ऐसे में यह सब होने से पहले प्रदेश में सियासत में गर्मी देखने को मिल रही है। नशा मुक्ति अभियान के लिए मुझे मेरी सहयोग़ी मिल गयी है । “ख़ुशबू” नाम की यह युवती मध्यप्रदेश की है तथा वह उत्तराखंड़ में मेरे गंगा प्रवास में शामिल होने आयी थी । मैंने उसमें निष्ठा एवं साहस दोनो देखे तभी उसी समय उसका नाम “गंगा भारती” हो गया था । — Uma Bharti (@umasribharti) February 2, 2021 जी दरसल हाल ही में पूर्व मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर ट्वीट करते हुए लिखा है, 'शराब और नशा मुक्ति अभियान के लिए मुझे मेरी सहयोगी मिल गई है। खुशबू नाम की यह युवती मध्यप्रदेश की है तथा वह उत्तराखंड़ में मेरे गंगा प्रवास में शामिल होने आई थीं। मैंने उसमें निष्ठा एवं साहस दोनों देखे, तभी उसका नाम गंगा भारती हो गया था। मैंने गंगा को 8 मार्च 2021 को महिला दिवस पर शराब एवं नशामुक्ति अभियान प्रारम्भ करने की तैयारी करने के लिए कहा है। आगे का विवरण वह स्वयं आप सबको 5 दिन बाद बताएंगी।' वैसे आप सभी को याद हो तो अभी कुछ दिनों पहले ही उमा ने कहा था कि, 'नशा करने के बाद ही रेप की घटनाएं बढ़ रही हैं, इसलिए नशा और शराबबंदी होनी चाहिए। ऐसा निर्णय लेने के लिए राजनैतिक साहस की जरूरत होती है। मध्य प्रदेश में शराबबंदी को लेकर अभियान चलाया जाएगा।' इसके अलावा उन्होंने सोशल मीडिया पर एक ट्वीट कर लिखा था- 'थोड़े से राजस्व का लालच और माफिया का दबाव शराबबंदी नहीं होने देता। देखा जाए तो सरकारी व्यवस्था ही लोगों को शराब पिलाने का प्रबंध करती है। जैसे, मां जिसकी जिम्मेदारी अपने बालक का पोषण करते हुए उसकी रक्षा करने की होती है। वही मां अगर बच्चे को जहर पिला दे, तो सरकारी तंत्र द्वारा शराब की दुकानें खोलना ऐसे ही है।' रामपुर दौरे पर प्रियंका गांधी, ट्रेक्टर परेड में मारे गए किसान के परिवार से करेंगी मुलाकात भारत के महानतम गणितज्ञ सत्येंद्र नाथ बोस की ये है सबसे बड़ी उपलब्धि 14 फरवरी से फिर शुरू होंगे संयुक्त अरब अमीरात के स्कूल