वाराणसी। उत्तरप्रदेश के बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के कुलपति गिरीशचंद्र त्रिपाठी ने विश्वविद्यालय परिसर में हुए हंगामे और उससे उपजी प्रशासनिक कार्रवाई को लेकर अपनी बात कही है। उन्होंने कहा है कि हालांकि अभी तक उन्हें मानव संसाधन विकास मंत्रालय का कोई आदेश प्राप्त नहीं हुआ, लेकिन यदि उन्हें अवकाश दिया जाता है तो, वे अपना पद छोड़ देंगे। उल्लेखनीय है कि हंगामे से उपजी राजनीति के दौरान भाजपा विरोधी दल कुलपति के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। छात्र संगठनों द्वारा भी कुलपति त्रिपाठी पर कार्रवाई का दबाव बनाया जा रहा है। इसके विपरीत केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय से संकेत मिले हैं कि, बीएचयू के कुलपति को अवकाश पर भेजा जा सकता है। मगर कुलपति ने करीब पहली मर्तबा इस मामले पर अपना विरोध जताया है। त्रिपाठी का कार्यकाल 30 नवंबर को पूरा होगा। इसके पहले उपजे राजनीतिक विरोध से वे पसोपेश में हैं। वे चाहते हैं कि, उन्हें अवकाश पर न जाना पड़े, यदि ऐसा होता है तो फिर उनके लिए यह अपमानजनक होगा। इसके स्थान पर वे अपना पद छोड़ सकते हैं। कुलपति के इस तरह के बयान के बीच राजभवन और राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार में अगले कुलपति के नामों को लेकर सुगबुगाहट प्रारंभ हो गई है। हालांकि,केंद्रीय विश्वविद्यालय होने के कारण कुलपति के नामों को लेकर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय में चर्चा चल रही है। इसके लिए अपनाई जाने वाली शाॅर्टलिस्टिंग की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है। माना जा रहा है कि, भाजपा की ओर झुकाव रखने वाले व्यक्ति को इस पद पर आसीन किया जा सकता है। विश्वविद्यालय में हुए हंगामे को लेकर चीफ प्रोक्टर राॅयना सिंह ने कहा कि, 65 संवेदनशील क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाऐंगे, इतना ही नहीं कैंपस में महिला गार्डस की नियुक्ति की जाएगी वहीं छात्राओं की सुरक्षा के लिए हेल्पलाईन भी प्रारंभ की गई है। दिल्ली में BHU छात्रों को PM आवास से किया गिरफ्तार BHU होस्टल के सामने छात्रों ने मुंडवाया सिर डाॅ. महेंद्र कुमार सिंह बने BHU के चीफ प्रोक्टर