नई दिल्लीः भारी वित्तीय संकट के दौर से गुजर रही सरकारी क्षेत्र की विमानन कंपनी एयर इंडिया को निजी होथों में सौंपने का रास्ता साफ हो चुका है। सरकार अगले माह कंपनी में अपनी 100 फीसदी हिस्सेदारी बेचने के लिए बोलियां मंगा सकती है। कुछ निकाय पहले ही एयर इंडिया में दिलचस्पी दिखा चुके हैं। विमानन कंपनी पर अभी करीब 58 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है। सूत्रों ने कहा कि कुछ निकाय पहले ही एयर इंडिया को खरीदने में दिलचस्पी दिखा चुके हैं। सरकार द्वारा बोली मंगाने के दस्तावेजों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इस महीने के अंत में या अगले महीने बोलियां मंगाईं जा सकती हैं। इसकी निविदा हाल ही में विकसित ई-निविदा प्रणाली से जारी की जाएगी। नागर विमानन सचिव प्रदीप सिंह खरोला ने कंपनी के निदेशक मंडल की बैठक से पहले एक समीक्षा बैठक की थी। निदेशक मंडल की बैठक 22 अक्तूबर को होने वाली है। बोर्ड बैठक में मार्च 2019 को समाप्त हुए वित्त वर्ष के लिए एयर इंडिया के समेकित खातों को मंजूरी दी जाएगी। एयरलाइन के कर्मचारी संगठन विनिवेश प्रक्रिया का विरोध कर रहे हैं। उनका मानना है कि इस कदम के बाद नौकरी जाने का डर है। बता दें कि कर्ज से दबी इस कंपनी को तेल कंपनियों ने कई बार ईंधन की सप्लाई बंद कर चुकी है। थॉमस कुक इंडिया का कारोबार बढ़ा, विदेशी कंपनी के दिवालिया होने का नहीं पड़ा असर वित्त मंत्री ने कहा, निवेश के लिए नई नीति बनाएगी सरकार कश्मीर: घाटी में तनाव के कारण सेब और अखरोट उत्पादकों पर आई शामत