पश्चिम बंगाल में रामनवमी पर हुई हिंसा पर चुनाव आयोग की बड़ी कार्रवाई, मोहम्मद जमालुद्दीन और राजीव मुखर्जी को किया सस्पेंड

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में रामनवमी पर हुई हिंसा पर चुनाव आयोग ने बड़ी कार्रवाई की है। आयोग ने मुर्शिदाबाद पुलिस के 2 अफसरों को निलंबित कर दिया है। इन दोनों पर शक्तिपुर एवं बेलदाणा क्षेत्र में हुई हिंसा पर प्रभावी ढंग से नियंत्रित न कर पाने का आरोप है। सस्पेंड हुए पुलिस अफसरों के नाम मोहम्मद जमालुद्दीन एवं राजीव मुखर्जी हैं। आयोग ने यह कार्रवाई शुक्रवार (19 अप्रैल 2024) को की है। भारतीय जनता पार्टी ने भी इस हिंसा को प्रशासनिक लापरवाही बताया था तथा पुलिस अफसरों पर कार्रवाई की माँग की थी।

भारत निर्वाचन आयोग के सचिव राकेश कुमार ने इस कार्रवाई का पत्र 19 अप्रैल को जारी किया है। पत्र पश्चिम बंगाल में मुख्य निर्वाचन अफसर को सम्बोधित है। राकेश कुमार ने इस चिट्ठी में 17 अप्रैल 2024 को हुई हिंसा का जिक्र किया है। इस हिंसा के एक दिन पश्चात् 18 अप्रैल को भारत निर्वाचन आयोग ने पूरे मामले की आख्या तलब की थी। इस आख्या में बताया गया था कि शक्तिपुर एवं बेलदाणा क्षेत्र के थाना प्रभारी अपने इलाकों में हिंसा रोकने में असफल रहे। पत्र में इन दोनों थानाक्षेत्रों के इंचार्जों को निलंबित करने का आदेश दिया गया है।

वही जिन 2 अफसरों को निलंबित किया गया है, उनके नाम राजीव मुखर्जी एवं मोहम्मद जलालुद्दीन हैं। दोनों सब इंस्पेक्टर रैंक के पुलिसकर्मी हैं। निलंबन की अवधि में दोनों थाना प्रभारी पुलिस मुख्यालय से अटैच रहेंगे। इन दोनों थाना प्रभारियों को उनके सीनियरों द्वारा चार्जशीट भी थमाने का निर्देश दिया गया है। शक्तिपुर एवं बेलदाणा थाने में नए प्रभारियों की नियुक्ति करने के लिए 3 सक्षम अफसरों का पैनल बनाने के लिए कहा गया है। अपने इस आदेश पर अनुपालन के लिए पश्चिम बंगाल राज्य निर्वाचन आयोग को 20 अप्रैल (शनिवार) प्रातः 11 बजे तक का वक़्त दिया गया है।

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