नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय ने आज सोमवार (17 अक्टूबर) को भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की उस याचिका को स्वीकार कर लिया है, जिसमें उन्होंने विभिन्न बैंकिंग घोटालों में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के अधिकारियों की भूमिका की जांच कराए जाने की मांग की थी। न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना की बेंच ने इसे लेकर CBI और RBI को नोटिस जारी किया और स्वामी की याचिका पर उनसे जवाब मांगा है। अदालत ने कहा है कि हम इस मामले पर विचार करेंगे। इसे लेकर नोटिस जारी किया जाए। दरअसल, स्वामी ने आरोप लगाते हुए कहा है कि किंगफिशर, बैंक ऑफ महाराष्ट्र और YES बैंक जैसी विभिन्न संस्थाओं से सम्बंधित घोटालों में रिज़र्व बैंक के अधिकारियों के शामिल होने की जांच नहीं की गई है। यह भी आरोप लगाया गया है कि RBI के अधिकारियों ने भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, बैंकिंग विनियमन अधिनियम और भारतीय स्टेट बैंक अधिनियम समेत विभिन्न कानूनों के प्रत्यक्ष उल्लंघन में सक्रिय रूप से सांठगांठ की। वरिष्ठ अधिवक्ता एमआर वेंकटेश और वकील सत्यपाल सभरवाल के जरिए गत वर्ष इस मामले में जनहित याचिका दाखिल की गई थी। इसमें कहा गया था कि बीते कुछ वर्षों में बैंक धोखाधड़ी के कई मामले सामने आ चुके हैं, मगर RBI के अधिकारी इन घोटालों का पता लगाने में नाकाम रहे हैं। इसे लेकर किसी भी अधिकारी को जिम्मेदार नहीं ठहराया गया है। चुनाव से पहले ही थरूर के साथ हो गया 'खेला', क्या इसके पीछे है गांधी परिवार का दिमाग ? बिहार: नितीश सरकार में शुरू हुई अंतरकलह, सुधाकर सिंह की बगावत ने बढ़ाई टेंशन किसानों को पीएम मोदी का बड़ा दिवाली गिफ्ट, कृषकों को मिलेगा बड़ा फायदा