उद्धव गुट को बड़ा झटका, सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया ये बड़ा फैसला

मुंबई: सर्वोच्च न्यायालय से उद्धव गुट को झटका लगा है जो एकनाथ शिंदे गुट के लिए राहत जैसा है। सर्वोच्च न्यायालय ने चुनाव आयोग की कार्रवाई पर पाबंदी लगाने से मना कर दिया है। चुनाव आयोग को यह तय करना है कि असली शिवसेना उद्धव गुट वाली है या फिर शिंदे गुट वाली। उद्धव ठाकरे गुट ने चुनाव आयोग की इस कार्रवाई पर प्रतिबंध लगाने की मांग सर्वोच्च न्यायालय में की थी। इस मांग को अब खारिज कर दिया गया है।

वही आज निर्वाचन आयोग में सर्वोच्च न्यायालय ने पार्टी पर प्रभुत्व, नाम और निशान के अधिकार को लेकर जारी प्रक्रिया पर रोक लगाने से मना कर दिया। अदालत का यह फैसला उद्धव गुट के लिए आफत तो शिंदे गुट के लिए राहत जैसा है। अदालत ने कहा कि चुनाव आयोग सिंबल मामले पर सुनवाई करने को स्वतंत्र है। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि चुनाव आयोग की कार्रवाई पर अब कोई रोक नहीं होगी। इसी के साथ उद्धव ठाकरे ग्रुप की अर्जी खारिज हो गई है। सर्वोच्च न्यायालय की सुनवाई के पश्चात् अब एकनाथ शिंदे गुट ने चुनाव आयोग को पत्र लिखा है। इस पत्र में सर्वोच्च न्यायालय के ऑर्डर का जिक्र किया गया है। शिंदे गुट चाहता है कि अब चुनाव आयोग जल्द इस मामले में एक्शन ले।

बता दें कि शिवसेना पार्टी को लेकर उद्धव ठाकरे एवं महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे आमने-सामने हैं। यह सब तब आरम्भ हुआ था, जब कुछ महीनों पहले एकनाथ शिंदे सहित शिवसेना पार्टी के कई विधायक बागी हो गए थे। इसी कारण उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा भी देना पड़ा था। लंबे राजनीतिक ड्रामे के पश्चात् इन बागी विधायकों ने भाजपा के साथ मिलकर सरकार बना ली थी। इस सरकार में एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री एवं देवेंद्र फडणवीस को उपमुख्यमंत्री बनाया गया था। महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन के बाद भी राजनीतिक गतिरोध समाप्त नहीं हुआ था। शिंदे गुट स्वयं को असली शिवसेना बताता है तथा पार्टी सिंबल धनुष-तीर पर अपना दावा कर रहा है। यह मामले फिलहाल चुनाव आयोग में है।

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