बीते कुछ समय में देश के कई क्षेत्रों में भारी बदलाव हुए है इस बीच एक और बदलाव हुआ है जिसमे इस वर्ष असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर नियुक्ति के लिए PHD की डिग्री होना जरुरी नहीं होगा। केंद्र सरकार ने कोरोना संक्रमण के मद्देनजर ये निर्णय लिया है। बता दें कि, यूजीसी ने वर्ष 2018 में यूनिवर्सिटी तथा कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर नियुक्ति के लिए PHD की डिग्री होना जरुरी किया था। यूजीसी ने पीएचडी पूरा करने के लिए उम्मीदवारों को तीन वर्ष का वक़्त दिया था। इसके साथ ही यूजीसी ने विश्वविद्यालय तथा कॉलेजों को 2021-22 के एकैडमिक सेशन से असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर नियुक्ति के लिए इस मानदंड को निर्धारित करने के निर्देश दिए थे। हालांकि बीते वर्ष से कोरोना संक्रमण के चलते कई उम्मीदवार अब तक अपनी पीएचडी पूरी नहीं कर पाए हैं। जिसके कारण इन्होंने केंद्र सरकार से इस वर्ष इन नियमों में राहत देने का आग्रह किया था। दिल्ली यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसीएशन (DUTA) ने 15 सितंबर को यूजीसी के अफसरों से मिलकर इस मसले को उठाया था। वही केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, "सरकार ने निर्णय लिया है कि इस वर्ष असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर नियुक्ति के लिए PHD की डिग्री होना जरुरी नहीं होगा। हमें इसको लेकर कई उम्मीदवारों की रिक्वेस्ट प्राप्त हुई थीं, जो इस वर्ष असिस्टेंट प्रोफेसर के पद के लिए आवेदन करना चाह रहे थे मगर उनकी पीएचडी की डिग्री पूरी नहीं हो सकी थीं।" बता दें कि शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने अक्टूबर के आखिर तक सभी सेंट्रल यूनिवर्सिटी से तकरीबन 6000 अध्यापकों की पोस्टस भरने को कहा था। TATA की हुई Air India, क्या अब कर्मचारियों की सरकारी नौकरी अचानक हो जाएगी प्राइवेट? शोपियां मुठभेड़ में एक आतंकी ढेर, ऑपरेशन अब भी जारी अमिताभ बच्चन संग डेट पर पहुंची बॉलीवुड की ये मशहूर अभिनेत्री