कानपुर: उत्तर प्रदेश में हो रहे अपराधों को लेकर अब पुलिस बेहद सजग हो गई है. संजीत किडनेपिंग व हत्याकांड में कानपुर की एसपी साउथ अपर्णा गुप्ता ने बदमाशों को पकड़ने का जाल बिछाया था. किन्तु, बदमाश नाक के नीचे से फिरौती की रकम भरा बैग लेकर भाग निकले थे, और पुलिस हाथ मलती रह गई थी. टीम में वर्तमान इंस्पेक्टर रणजीत राय भी मौजूद थे. तत्पश्चात, एसपी साउथ ने एक के बाद एक झूठे बोले थे, जिसके कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे. नाकामी का जाल, लापरवाही और ऑफिसर्स को गुमराह करने पर उन पर गाज गिरी. सीओ भी पूरी तरह विफल रहे. वही फिरौती की कॉल आने के पश्चात्, एसपी साउथ अपर्णा गुप्ता निरंतर मामला देख रही थीं. बदमाशों ने जब 30 लाख की फिरौती मांगी, तो परिजनों ने उनको तुरंत सुचना दी. तत्पश्चात, एसपी साउथ और इंस्पेक्टर रणजीत राय ने बदमाशों को पकड़ने के लिए जाल बिछाया. 13 जुलाई को किडनैपर्स के बताए गए ठिकाने (गुजैनी फ्लाईओवर) पर परिजन और पुलिस पहुंची. इसके बाद फिरौती की राशि से भरा बैग भी संजीत के पिता चमन यादव लेकर पहुंचे थे. तत्पश्चात, बदमाश नीचे रेलवे क्रॉसिंग पर पहुंचे. पुलिस ने किडनैपर्स के कहने पर फ्लाईओवर के ऊपर से रुपयों से भरा बैग नीचे फेंक दिया था. बदमाश बैग लेकर तत्काल वहा से भाग निकले थे. इसके बाद एसपी साउथ ने बयान जारी किया कि पुलिस परिजनों के साथ वहा मौजूद नहीं थीं. पुरे मामले में गोविंद नगर सीओ मनोज कुमार गुप्ता की भूमिका भी संदिग्ध रही. न कम्प्लेन को गंभीरता से लिया और न ही कार्रवाई की. साथ ही परिजनों से भी अभद्रता की. वही अब परिजनों द्वारा पुलिस पर आरोप लगाया जा रहा है. निर्मला सीतारमण बोलीं- प्रत्यक्ष कर कानून को सरल बनाने की कोशिश में सरकार दिल्ली को मिला 450 बेड का नया कोरोना अस्पताल, सीएम केजरीवाल ने किया उद्घाटन राम मंदिर के भूमि पूजन से 10 दिन पहले अयोध्या पहुंचे सीएम योगी, लिया तैयारियों का जायज़ा