बीजिंग: बीते कई दिनों से लगातार बढ़ता जा रहा कोरोना का कहर मासूम लोगों की जान का दुश्मन बन चुका है, हर दिन इस वायरस के कारण दुनियाभर में हजारों मौते हो रही है. वहीं लगातार संक्रमितों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रह है, इतना ही नहीं अब तो कोरोना वायरस ने एक महामारी का रूप भी ले लिया है जिसके बाद से लोगों के घरों में खाने की किल्लत बढ़ती ही जा रही है न जाने इस वायरस के कारण और ऐसी कितनी मासूम जिंदगियां है जो तबाही के कगार पर आ चुकी है. वहीं अब तक दुनियाभर में मौत का आंकड़ा 4 लाख 70 हजार के पार हो चुका है और अभी भी इस वायरस का कोई तोड़ नहीं मिल पाया है. मिली जानकारी के अनुसार महामारी का आतंक छह महीने पहले शुरू हुआ था, अब तक वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस के बारे में कितना कुछ पता लगाया है? पहली चेतावनी: किसी वायरस का हमारे स्वास्थ्य पर क्या असर होगा और यह कितनी तेजी से फैलेगा, इसे समझने के लिए वायरस की शुरुआत के बारे में जानना जरूरी होता है. लेकिन कोरोना वायरस शुरुआत से ही लोगों को अचरज में डालता रहा है. जब दुनिया 2020 के आगमन पर जश्न की तैयारी में जुटी थी तब चीन के वुहान सेंट्रल हॉस्पीटल के आपातकालीन विभाग के डॉ. ली वेनलियांग को सात मरीज मिले. ये सबके सब फेफड़े की बीमारी न्यूमोनिया से पीड़ित थे. इन सबको क्वारंटीन किया गया. जंहा इस बात का पता चला है कि 30 दिसंबर को अपने सहकर्मियों के साथ प्राइवेट वीचैट मैसेजिंग ऐप पर डॉक्टर ली वेनलियांग ने आशंका जताई कि क्या सार्स (सीवर एक्यूट रिस्पेरटरी सिंड्रोम) का नया दौर आ चुका है? सार्स भी कोरोना वायरस का एक रूप है. पहली बार यह चीन में ही 2003 में सामने आया था. इसके बाद यह 26 देशों में फैला और इसकी चपेट में आठ हजार से ज्यादा लोग आए थे. हालांकि डॉ. ली ने जिस बीमारी की पहचान की थी, वह सार्स का दूसरा चरण नहीं था बल्कि कोविड-19 वायरस (सार्स-कोव-2) का पहला चरण था. जंहा चीनी मीडिया के मुताबिक अपने सहकर्मियों के बीच इस बीमारी के फैलने की चेतावनी देने के तीन दिन बाद डॉ. ली को पुलिस ने आठ अन्य लोगों के साथ अफवाह फैलाने के आरोप में हिरासत में ले लिया. काम पर लौटने के बाद डॉ. ली कोविड-19 से संक्रमित हो गए. महज 34 साल के डॉ. ली की मौत सात फरवरी को हो गई. परिवार में उनकी गर्भवती पत्नी और एक बेटा है. 2036 तक राष्ट्रपति बने रहने की कवायद में पुतिन, बनाया ये 'मास्टरप्लान' रूस के लिए रवाना हुए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, चीनी अधिकारियों से नहीं करेंगे मुलाक़ात चीन की खुली धमकी - इस बार युद्द हुआ, तो भारत को 1962 से भी बुरा हाल होगा