दिल्ली : केजरीवाल सरकार को तगड़ा झटका लगा है. क्योकि महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविद ने सिफारिश मंजूर कर ली है. तमाम अटकलों पर विराम लगाते हुए चुनाव आयोग की 'आप' के 20 विधायको के खिलाफ लाभ के पद को लेकर अयोग्य घोषित कर, सदस्यता निरस्त करने की सिफारिश को राष्ट्रपति ने मंजूरी दे दी है. सभी विधायकों को अयोग्य मान लिया गया है. इस फैसले पर कांग्रेस के बड़े नेता अजय माकन ने कहा है कि 11 लाख से ज्यादा का फर्नीचर, पानी, बिजली, और अन्य सुविधाओं का बिल भी सरकार भर रही थी. तमाम सुविधाएं सरकार देती रही और इसका कोई हिसाब भी नहीं है. ये आम आदमी पार्टी के द्वारा किये गए करप्शन का नमूना था. उन्होंने इलेक्शन कमीशन पर भी प्रश्न दागा. उन्होंने कहा कि राज्यसभा चुनाव से पहले ये फैसला क्यों नहीं लिया. ये बीजेपी और आप के बीच हुई डील का परिणाम है. इसी क्रम में आप संयोजक गोपाल राय ने कहा कि हम अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे . महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविद के इस फैसले के बाद अब दिल्ली में राजनीतिक समीकरण बेहद पेचिदा हो गए है और चुनाव होने के आसार बढ़ गए है. 'आप' कि निष्काषित विधायक अलका लाम्बा ने कहा कि हमें चुनाव से डर नहीं लगता. सरकार अभी भी स्थिर है पर बीजेपी ने महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविद को आज रविवार को फैसला देने के लिए कैसे मजबूर किया ये एक बढ़ा सवाल है. इसके उलट हमें एक बार भी नहीं सुना गया .'' एक किताब ने किया 'आप' का हाल बेहाल सरकार की साजिश में चुनाव आयोग भी शामिल - मनीष सिसोदिया फैसले का 'आप' पर असर, कुर्सी पर बीजेपी-कांग्रेस की नज़र