रांची: बिहार को विभाजित कर आज से 22 वर्ष पूर्व बनाए गए अलग झारखंड प्रदेश के लिए आंदोलन में सम्मिलित व्यक्तियों को 3 से 7 हजार रुपये पेंशन दी जाएगी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पात्र पेंशनरों की पहचान के लिए नया फॉर्म जारी किया है। सोरेन ने इस अवसर पर कहा कि झारखंड आंदोलन स्वतंत्रता की लड़ाई से कम नहीं था। झारखंड को अलग प्रदेश बनाने की मांग वैसे तो स्वतंत्रता के भी पहले की थी, किन्तु काफी संघर्ष व आंदोलन के बाद 15 नवंबर 2000 को अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली राजग सरकार ने झारखंड को अलग प्रदेश बनाया था। झारखंड आंदोलन में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पिता व पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन ने अहम किरदार निभाया था। अब हेमंत सोरेन सरकार ने अलग प्रदेश के गठन के आंदोलन में सम्मिलित लोगों को पेंशन देने का काम तेज किया है। पेंशन के नए आवेदन पत्र का मुख्यमंत्री सोरेन ने जारी कर दिया है। उनका कहना है कि अलग प्रदेश की लड़ाई में सम्मिलित अंतिम व्यक्ति को भी उनकी सरकार सम्मान तथा पेंशन देना चाहती है। जब प्रदेश अलग हुआ तब से आंदोलनकारियों की पहचान की बात हो रही है, किन्तु अब तक उनके साथ इंसाफ नहीं हो सका। वही झारखंड के सभी 24 जिलों से झारखंड आंदोलन में सम्मिलित 10–10 लोगों को नए आवेदन पत्र के लोकार्पण कार्यक्रम में बुलाया गया था, किन्तु इसमें भीड़ उमड़ पड़ी। कार्यक्रम स्थल पर जगह कम पड़ने को लेकर मुख्यमंत्री सोरेन ने माफी भी मांगी। आंदोलनकारियों के लिए बड़े ऐलान:- * झारखंड आंदोलनकारियों को कई सुविधाएं दी जाएंगी। आंदोलन के समय पुलिस गोलीबारी अथवा जेल में मृत या दिव्यांग आंदोलनकारी के आश्रित परिवार के एक सदस्य को चौथी श्रेणी में नौकरी। * अन्य आंदोनकरियों के एक आश्रित को तीसरी अथवा चौथी श्रेणी में नौकरी। * जेल में मौत होने पर आंदोलनकारी के एक आश्रित को पेंशन। * तीन महीने से कम जेल में रहने वालों को 3500 प्रतिमाह पेंशन। * तीन महीने से 6 महीने जेल में रहने पर 5 हजार रुपये पेंशन। * 6 महीने से ज्यादा जेल में रहने पर 7 हजार प्रतिमाह पेंशन। आज अमित शाह से मिलेंगे सिद्धू मूसेवाला के परिजन, गृह मंत्री से करने वाले हैं ये मांग केंद्र सरकार का MP को बड़ा तोहफा, राज्य को मिलेगा एक और NH 'भारत केवल अपनी शर्तों पर चलेगा..', यूरोपीय देशों को उनके घर जाकर कह आए विदेशमंत्री एस जयशंकर