सुप्रीम कोर्ट ने मध्‍य प्रदेश पंचायत चुनाव पर स्‍टे जारी कर दिया है। इस केस पर 27 जनवरी को अगली सुनवाई होने वाली है। सुप्रीम कोर्ट ने मप्र राज्‍य निर्वाचन आयोग को निर्देश जारी कर दिया है कि OBC आरक्षण आधार पर पंचायत चुनाव को न करवाने के लिए कहा है। वहीं निर्देश को न मानने पर पंचायत चुनाव रद्द भी कर दिए गए है। जिसके पूर्व मप्र हाईकोर्ट ने मध्य प्रदेश में होने जा रहे पंचायत चुनाव तहत परिसीमन और आरक्षण को लेकर दायर याचिकाओं पर शीघ्र सुनवाई, अर्जेंट हियरिंग से मना कर चुके है। बृहस्पतिवार को याचिकाकर्ताओं की ओर से मामले पर शीघ्र सुनवाई का निवेदन कर दिया गया है। मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ व जस्टिस विजय शुक्ला की युगलपीठ ने साफ कर दिया कि शीतकालीन अवकाश के उपरांत केस पर अगली सुनवाई की जाने वाली है। जबकि दमोह निवासी डा. जया ठाकुर द्वारा अधिवक्ता वरुण ठाकुर के माध्यम से गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए दायर की गई अन्य याचिका पर सुनवाई की अगली तिथि शीतकालीन अवकाश से पहले 21 दिसंबर निर्धारित की जा चुकी है। इस याचिका के माध्यम से मध्य प्रदेश शासन पर मनमाने तरीके से पंचायत चुनाव संपन्न कराने का प्रयास का इल्जाम लगाया गया है। साथ ही बोला गया है कि राज्य सरकार ने जानबूझकर संवैधानिक त्रुटियां की हैं, जिससे पंचायत चुनाव केस सुलझने के बजाए और उलझता चला जा रहा है। जहां इस बात का पता चला है कि पंचायत चुनाव के लिए राज्य गवर्नमेंट के द्वारा जारी किए गए अध्यादेश को चुनौती देने वाली याचिका पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने साफ बोला है कि एक केस में दो कोर्ट को शामिल नहीं किया जा सकता। याचिकाकर्ता अपना पक्ष हाई कोर्ट में ही रखें। उल्लेखनीय है कि 9 दिसंबर को हाई कोर्ट ने केस पर हस्तक्षेप से मना कर दिया था और सरकार के अध्यादेश पर सथगन नहीं किया जाने वाला है। जिसके उपरांत याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। हाई कोर्ट ने कहा था कि संविधान के अनुच्छेद 243 (O) में निहित प्रविधान के अंतर्गत चुनाव की अधिसूचना जारी हो जाने के उपरांत अदालत को उसमें हस्तक्षेप का अधिकार नहीं रहता। राजनाथ सिंह ने फ्रांस के रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली से मुलाकात की मोबाइल पर Online क्लास अटैंड कर रहा था स्टूडेंट तभी हो गया ब्लास्ट और फिर... घर में पूजा-पाठ के दौरान जरूर रखे इन 5 बातों का ध्यान