नई दिल्ली. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज से तक़रीबन दो साल पहले 8 नवंबर 2016 को देश में नोटबंदी की घोषणा की थी. उस समय पीएम मोदी और केंद्र सरकार ने इस फैसले को देश से कालाधन मिटने के लिए जरुरी फैसला बताया था. हालाँकि इसके बाद सरकार के इस फैसले का बहुत ज्यादा विरोध हुआ था और अभी तक कई विपक्षी पार्टियां इस मामले को लेकर पीएम मोदी और केंद्र सरकार पर कई बार तंज भी कसते रहती है. अब इस मामले में पीएम मोदी को एक और बड़ा झटका लगा है. पेट्रोल-डीजल : लगातार आठवें दिन गिरे दाम, यह है आज के रेट दरअसल केंद्र सरकार के नोटेबंदी के फैसले के विरोध में अब देश के पूर्व मुख्‍य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन ने भी अब ने भी अपनी छुपी तोड़ दी है और उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस फैसले को एक क्रूर फैसला बताया है. देश के पूर्व मुख्‍य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन ने हाल ही में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में नोटेबंदी पर बात करते हुए कहा है कि यह एक ऐसा क्रूर फैसला था जिससे देश को एक बड़े मौद्रिक झटके का सामना करना पड़ा है. दिल्ली वासियों के लिए खुशखबरी, मेट्रो कार्ड से अब बस सफर में भी मिलेगी छूट अरविंद सुब्रमण्यन ने इस दौरान यह भी कहा कि नोटबंदी के फैसले की वजह से ही देश की अर्थव्यवस्था की विकास दर सात तिमाहियों में भयानक रूप से घटकर 6.8 फीसदी पर आ गई थी. यह विकास दर नोटेबंदी से पहले आठ फीसदी से ऊपर थी. ख़बरें और भी TCS ने रिलायंस को पछाड़ा, फिर बनी सबसे मूल्यवान कंपनी खुशखबरी : डॉलर के मुकाबले 58 पैसे मजबूत हुआ रूपया, आगे और बढ़त की उम्मीद शेयर बाजार : तेज उछाल के साथ खुला बाजार, 372 अंक चढ़ा सेंसेक्स, निफ्टी में भी भारी उछाल