वर्ल्ड चैम्पियन मुक्केबाज निकहत जरीन का इस बारें में बोलना है कि वह किसी समुदाय का प्रतिनिधित्व करने के स्थान पर भारत का प्रतिनिधित्व करती है। जरीन से सोमवार को यहां पूछा गया कि लोग कड़ी मेहनत और रिंग में उपलब्धियों से अधिक उनकी धार्मिक पृष्ठभूमि के बारे में बात करते है तो उन्होंने इस बारें में बोला है कि उनके लिए हिन्दू-मुस्लिम मायने नहीं रखता। रूढि़वादी समाज से ताल्लुक रखती 25 वर्ष की जरीन ने साफ किया कि वह किसी विशेष समुदाय के लिए नहीं इंडिया के लिए खेलती और जीतती है। अपनी बात को जारी रखते हुए उन्होंने बोला है कि एक खिलाड़ी के तौर पर मैं इंडिया का प्रतिनिधित्व करती हूं। मेरे लिए हिंदू-मुस्लिम मायने नहीं रखता है। मैं किसी समुदाय का प्रतिनिधित्व नहीं करती हूं, मैं देश का प्रतिनिधित्व करती हूं और देश के लिए मेडल जीतकर खुश हूं। निकहत ने ‘मानसिक दबाव’ से संबंधी सवाल पर बोलते हुए बोला है कि इस केस में इंडियन खिलाड़ी थोड़े पीछे है और वैश्विक मंच पर अच्छा करने के लिए इसमें प्रशिक्षण की आवश्यकता है। इंडियन खिलाड़ी नियमित आयोजनों में अच्छा प्रदर्शन करते है लेकिन ओलिम्पिक या विश्व चैम्पियनशिप जैसे बड़े मंच पर लडख़ड़ा जाते हैं। निकहत से जब पूछा गया कि इंडियन मुक्केबाजों में कहां कमी है, तो उन्होंने बोला है कि इंडियन बॉक्सर बहुत प्रतिभाशाली हैं, हम किसी से कम नहीं हैं। हमारे पास ताकत, गति और आवश्यक कौशल के साथ सब कुछ है। एशियाई कप के मुख्य चरण में जगह बनाने की राह भारत में सामने इस टीम की चुनौती ऑस्ट्रेलियाई टेनिस प्लेयर ने की सुसाइड की कोशिश...26वीं मंजिल से कूदि प्राग मास्टर्स शतरंज में इस खिलाड़ी ने दर्ज की बढ़त