इंदौर: मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में जिला प्रशासन ने शहर भर में सांकेतिक बोर्ड लगाने के साथ नया अभियान आरम्भ करने का निर्णय लिया है। दरअसल, सोमवार को इंदौर में आयोजित टीएल बैठक में कलेक्टर आशीष सिंह ने जिले के समस्त अफसरों को इसे लेकर स्पष्ट निर्देश दिए हैं। लिहाजा इंदौर में भिक्षावृत्ति के खिलाफ चल रहे अभियान को अब नई रफ्तार मिलेगी तथा कहा जा रहा है कि स्वच्छता की भांति इंदौर भिक्षावृत्ति से भी मुक्त होकर इस मामले में भी नंबर वन बन जाएगा। कलेक्टर ने संबंधित विभागों के अफसरों से कहा है कि वे इस अभियान को गति देकर पुन: प्रभावी बनाएं। उन्होंने कहा, ' भिक्षा लेना व देना अपराध है। भिक्षावृत्ति को रोकने संबंधी जगह-जगह सूचना बोर्ड भी लगाएं जाएं। ऐसे भिक्षुकों के खिलाफ भी कार्रवाई करें, जो सामान बेचने की आड़ में भिक्षावृत्ति कर रहे हैं।'' गौरतलब है कि इंदौर में भीख मांगने वालों के रहने के साथ उनके समुचित विस्थापन का इंतजाम किया गया है। इसके अतिरिक्त केंद्र शासन की योजना के अंतर्गत इनके कल्याण के लिए योजना भी संचालित की जा रही है। हाल ही में इंदौर में भिक्षुक मुक्त अभियान के तहत भीख मांगने वालों की खूब धर पकड़ की गई थी। इस के चलते राजस्थान एवं अन्य शहरों से आए हुए भिक्षुकों को पकड़कर भिक्षुक केंद्र भेजा गया था। इसके अतिरिक्त कई भिक्षुक ऐसे थे, जो रातों-रात इंदौर से गायब हो गए। किन्तु कई ऐसे भी हैं जो चौराहों पर अलग-अलग सामग्री बेचने के नाम पर भिक्षावृत्ति में फिर सक्रिय हो रहे हैं। यही कारण है कि इंदौर जिला प्रशासन अब भीख मांगने के लिए अलग-अलग सामग्री बेचने वालों के विरुद्ध भी कार्रवाई की तैयारी में है। इसके अतिरिक्त जो लोग भीख देंगे उनके भी विरुद्ध करवाई की जाएगी । 'पति ने नींद की गोली खिलाकर काट दिये बाल और...', MP में नई नवेली दुल्हन को किया टॉर्चर MP में हुई BA के छात्र की मौत पर हुआ बड़ा खुलासा, सामने आई ये वजह बिहार में चुनाव के बाद हिंसा, दो पक्षों में हुई गोलीबारी