प्रधानमंत्री मोदी की कुंडली: लग्न कुंडली के अनुसार मोदी जी की कुंडली वृश्चिक लग्न की है। इनकी कुंडली के स्वामी मंगल देव हैं। मोदी जी की लग्न व जन्म राशि वृश्चिक ही है। ऐसे में कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं की बात करते हैं। मंगल व चंद्रमा लग्न में स्थित हैं, वहां मंगल देव रोचक नाम का पंच महापुरुष योग बनाते हैं। साथ ही चंद्रमा के साथ नीच भंग राजयोग भी बनाते हैं। मंगल देव छठे व पहले घर के स्वामी हैं और लग्न में बैठे हैं। इसलिए दुश्मन कभी भी इनसे जीत नहीं पाएंगे। सप्तमेश शुक्र देव दशम भाव में बैठे हैं। उनके साथ चतुर्थ भाव के स्वामी शनि देव भी दशम भाव में बैठे हैं। अर्थात न्याय से जुड़ी बातें हमेशा करेंगे। गुरु व शुक्र केंद्र में आमने-सामने बैठे हैं। इसका मतलब जो जैसी भाषा में समझेगा उसको वह वैसे ही समझाएंगे। अर्थात जैसे को तैसा। ये हमेशा जनहित में देश हित में ही कार्य करेंगे। चतुर्थ व दर्शन भाव को शनि देव प्रभावित कर रहे हैं। अतः हमेशा न्याय संगत व तर्कसंगत बातें करेंगे। एकादश भाव में सूर्य-बुध से बुधादित्य योग का भी निर्माण हो रहा है। अतः नरेंद्र मोदी हमेशा राजा की तरह रहेंगे व देश को एक सम्मानजनक स्थिति में पहुंचा देंगे। मई 2023 से मंगल में बृहस्पति की अंतर्दशा 21 अप्रैल 2024 तक चलेगी। मंगल की महादशा 29 नवंबर 2021 से 29 नवंबर 2028 तक रहेगी। अतः मंगल की दशा में भी नरेंद्र मोदी को बहुत लाभ होगा। भारतीय सेना का सम्मान पूरी दुनिया में बढ़ेगा। रोचक पंच महापुरुष योग के कारण मोदी जी की छवि एक निडर नेता की होगी। गुरु की अंतर्दशा के कारण दुनिया के सभी नेता मोदी जी को अपना नेता मानने लगेंगे। दशम भाव में शुक्र के कारण चुनौतियां तो बहुत मिलेंगी लेकिन मोदी जी इन सब पर बृहस्पति के कारण विजय पाएंगे। 2028 तक मंगल की महादशा के कारण भारत की सेना पूरे विश्व में एक सम्मानजनक स्थिति में होगी। पीएम मोदी के लिए आने वाला समय कैसा होगा? मंगल में बृहस्पति की अंतर्दशा के कारण आने वाले लोकसभा चुनाव में मोदी जी की पार्टी की भारी विजय होगी व एक बार फिर से मोदी जी तीसरी बार लगातार प्रधानमंत्री बनेंगे। अप्रैल 2024 से जून 2025 तक मोदी जी देश हित में बड़े फैसले करेंगे। जून 2025 से 2026 तक मोदी जी को स्वास्थ्य संबंधी दिक्कत आ सकती हैं, जिसमें इन्हें अपने पेट का विशेष ध्यान रखना होगा। कुल मिलाकर अगर हम देखें तो नवंबर 2028 तक निश्कंटक राजसत्ता के योग हैं। विपक्ष या दुश्मन कितना भी प्रबल हो, लेकिन 2028 के अंत तक मोदी जी का कुछ नहीं बिगाड़ पाएंगे। अंत में एक बार फिर से माननीय प्रधानमंत्री जी को अनेक बधाइयां। डॉ. रवि ठाकुर के अनुसार, मोदी जी 320 से अधिक सीटें जीतेंगे। यह भविष्यवाणी प्रसिद्ध ज्योतिषी और हीलर डॉ. रवि ठाकुर के द्वारा दी गई है। डॉ. रवि ठाकुर के बारे में: डॉ. रवि ठाकुर, दिव्य स्पिरिचुअल एडवाइजर के प्रतिष्ठित संस्थापक और सीईओ, को भारत के उद्यमियों के फोरम द्वारा सर्वश्रेष्ठ संबंध हीलर का प्रतिष्ठित खिताब दिया गया है। यह सम्मान डॉ. ठाकुर के स्वस्थ संबंधों को बढ़ावा देने और भावनात्मक कल्याण को प्रोत्साहित करने में असाधारण योगदान को मान्यता देता है। राहुल गांधी की कुंडली राहुल गांधी की कुंडली के स्वामी शनि देव हैं क्योंकि इनकी कुंडली मकर लग्न की है और शनि देव चतुर्थ भाव में नीच होकर बैठे हैं। इसका अर्थ यह है कि इनको मकान संपत्ति के लिए संघर्ष करना पड़ सकता है और इनको स्वास्थ्य के लिए भी लड़ना पड़ सकता है। शनि के नीच होना उनकी वाणी को असरदार नहीं बनाएगा। अर्थात् वे अगर किसी से भी कुछ बात करेंगे तो उनकी बातें ज्यादा प्रभावशाली नहीं रहेंगी। राहुल गांधी की कुंडली में चंद्र देव 11वें घर में वृश्चिक राशि में बैठे हैं जो कि नीच के हैं। इसका मतलब यह है कि इनका जो चंद्रमा है, वह सप्तम भाव का स्वामी है जो कि नीच होकर 11वें घर में बैठता है। अर्थात उनके विवाह में विलंब रहेगा या विवाह होगा ही नहीं। इनके लिए गठबंधन भी ठीक नहीं रहेगा क्योंकि गठबंधन अगर यह किसी भी पक्ष करेंगे तो उसको नुकसान ही होगा। यानी, पार्टनरशिप उनके लिए शुभ नहीं रहेगी जबकि अकेले दम पर ही अच्छा करेंगे। पंचम भाव का स्वामी शुक्र सप्तम भाव में आकर बैठता है। इसका मतलब यह है कि राहुल गांधी जी के लव अफेयर तो हो सकते हैं लेकिन वह शादी तक नहीं पहुंचेंगे। अर्थात इन्हें अकेले जीवन जीना पड़ सकता है। चतुर्थ भाव का स्वामी मंगल छठवें घर में बैठता है। अर्थात इनको शासन सत्ता का सहयोग मिलना मुश्किल है और हो सकता है कि उनके शत्रुओं की संख्या भी ज्यादा हो, जिसकी वजह से इनका मन परेशान रह सकता है। चंद्रमा की नीचता के कारण और चंद्रमा के केंद्रम दोष में फंसे रहने के कारण अलगाववाद में विश्वास रखेंगे और एकाकी जीवन इनको पसंद आएगा। कभी-कभी इनको डिप्रेशन की भी शिकायत हो सकती है। अचानक मूड में परिवर्तन आ सकते हैं। वैसे बुध देव के पंचम भाव में बैठने के कारण यह एक युवराज की भांति कार्य करेंगे। दिल के एक साफ इंसान रहेंगे। अगर हम वर्तमान समय की बात करें तो इस समय राहुल गांधी जी पर शनि की ढैया चल रही है जो कि जुलाई 2025 तक रहने वाली है। इसके अलावा इस समय मंगल में राहु की अंतर्दशा भी चल रही है जो 10 अक्टूबर 2024 तक रहेगी। हालांकि, यह समय उनके लिए अच्छा है। परंतु इनकी कुंडली में कोई भी राजयोग न होने के कारण यह सत्ता पक्ष में नहीं आ पाएंगे। मंगल छठवें घर में बैठने के कारण इन पर कोई केस भी चल सकता है, जिसके कारण इनको परेशानी उठानी पड़ सकती है। अक्टूबर के बाद जब मंगल में बृहस्पति की दशा आएगी तो उस समय हो सकता है इनको कोई विशिष्ट पद मिल जाए, जिसके कारण उनके मान-सम्मान में वृद्धि होगी। अर्थात अक्टूबर 2024 के बाद इनका समय अच्छा रहेगा। विरोधी इनका कुछ नहीं बिगाड़ पाएंगे। राहुल गांधी जी की कुंडली में कोई भी राजयोग नहीं बनता है, जिसकी वजह से शासन सत्ता का उपभोग इनके भाग्य में नहीं है। क्योंकि इनके चंद्रमा और शनि नीच के हैं। इसलिए ये गरीब बेसहारा और बेजुबान प्राणियों की जितनी सेवा करेंगे उतना उनके जीवन के लिए अच्छा रहेगा। राहुल गांधी जी के आने वाले जीवन के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएं। यह भविष्यवाणी प्रसिद्ध ज्योतिषी और हीलर डॉ. रवि ठाकुर के द्वारा दी गई है। डॉ. रवि ठाकुर के बारे में: डॉ. रवि ठाकुर, दिव्य स्पिरिचुअल एडवाइजर के प्रतिष्ठित संस्थापक और सीईओ, को भारत के उद्यमियों के फोरम द्वारा सर्वश्रेष्ठ संबंध हीलर का प्रतिष्ठित खिताब दिया गया है। यह सम्मान डॉ. ठाकुर के स्वस्थ संबंधों को बढ़ावा देने और भावनात्मक कल्याण को प्रोत्साहित करने में असाधारण योगदान को मान्यता देता है। 4 जून को किसकी बनेगी सरकार? अगर हम 4 जून के बारे में बात करें तो काउंटिंग सुबह 8:00 बजे शुरू होगी। उस समय की कुंडली मिथुन लग्न की होगी। कुंडली के अनुसार शनि देव भाग्य भाव अर्थात नवम भाव में होंगे। गोचर का शनि भी कुंभ राशि में विराजमान है। भारतीय जनता पार्टी के लिए शनि बहुत शुभ रहेगा। यह भविष्यवाणी प्रसिद्ध ज्योतिषी और हीलर डॉ. रवि ठाकुर के द्वारा दी गई है। डॉ. रवि ठाकुर के बारे में: डॉ. रवि ठाकुर, दिव्य स्पिरिचुअल एडवाइजर के प्रतिष्ठित संस्थापक और सीईओ, को भारत के उद्यमियों के फोरम द्वारा सर्वश्रेष्ठ संबंध हीलर का प्रतिष्ठित खिताब दिया गया है। यह सम्मान डॉ. ठाकुर के स्वस्थ संबंधों को बढ़ावा देने और भावनात्मक कल्याण को प्रोत्साहित करने में असाधारण योगदान को मान्यता देता है। सैंडल पहनने से पैरों पर भी निशान पड़ जाते हैं, तो अपनाएं ये ट्रिक्स साड़ी को पहली बार कब पहना गया, यह भारतीय संस्कृति का हिस्सा कैसे बनी? अगर आप पति के साथ घूमने का प्लान कर रही हैं और हॉट दिखना चाहती हैं तो रकुलप्रीत सिंह से लें फैशन टिप्स