शिक्षण संस्थाओं के मनमानी फीस वसूलने को लेकर अक्सर चर्चा होती रहती है. बिहार हाई कोर्ट ने राज्य के निजी बीएड कॉलेजों के फीस निर्धारण के मामले में पर सुनवाई में बड़ा निर्णय दिया है. हाई कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए एक कमिटी का गठन करते हुए कमिटी को कॉलेजों के खर्च का आंकलन करने की जिम्मेदारी सौपी है. जस्टिस चक्रधारी शरण सिंह की कोर्ट में सुनवाई के दौरान मामले पर कहा कि इन कॉलेजों को अपने शिक्षकों व गैर शैक्षणिक कर्मचारियों का पूरा ब्यौरा देना होगा. कोर्ट द्वारा गठित कमिटी में चांसलर के प्रधान सचिव, डिप्टी अकाउंटेंट जनरल के अधिकारी, शिक्षा विभाग के सचिव समेत 5 अधिकारी शामिल है. याचिका में राज्य सरकार के उस निर्णय को चुनौती दी गई थी जिसमे उसने बीएड कॉलेजों की फीस एक लाख रुपये निर्धारित करने का आदेश पारित किया था. इस आदेश को इस आधार पर चुनौती दी गई थी कि कॉलेज और शिक्षकों समेत गैरशैक्षणिक कर्मचारियों पर होने वाले खर्च कहीं ज्यादा है. मामले कि अगली सुनवाई 8 मई को होगी. बिहार स्टार्ट अप में 5 हजार आवेदन, सिर्फ 29 का चयन फेयरवेल पार्टी में किया मजा, कटिहार एसपी को मिली सख्त सजा पुलिस की पार्टी में चली गोलियों ने किया सोशल मिडिया पर धमाका