कोरोना संक्रमण के बीच पुलिस ने किशोर को चोरी के आरोप में किशोर न्याय बोर्ड के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी मानवेंद्र मिश्रा के समक्ष पेश किया था, वहां बच्चे से बात करने पर उन्हें पता चला कि उसके घर में मानसिक रूप से कमजोर विधवा मां और छोटा भाई है जिन्हें लॉकडाउन के कारण कई दिन से भोजन नहीं मिला है, इसलिए उसने चोरी की. वही, मिश्रा ने जब बच्चे से सुना कि उसने अपनी मां और भाई को भूख से बचाने के लिए चोरी कि तो वह भावुक हो गए और उसे चोरी के आरोप से मुक्त करते हुए प्रशासन को कहा कि वह तुरंत उसे राशन और कपड़े उपलब्ध कराए. कोरोना : अपनी छोटी सी कमाई से पुलिसवालों को नाश्ता-पानी करा रहा यह शख्स इस मामले को लेकर दंडाधिकारी मिश्रा ने 17 अप्रैल को अधिकारियों को लड़के की मजबूरी को समझते हुए उसे आरोप मुक्त करते हुए उसके परिवार को सरकारी योजनाओं के तहत आवास, राशन आदि की हर संभव सहायता और सहायता प्रदान करने तथा पुलिस को चार महीने बाद किशोर की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया. गर्भवती स्वास्थ्य कर्मी को नहीं है कोरोना का खौफ, जी जान से कर रही मरीजों की सेवा आपकी जानकारी के लिए बता दे कि नाबालिग अपनी मां और भाई के साथ नालंदा जिले के इस्लामपुर थाना अंतर्गत खटोलना बिगहा गांव में एक छोटे से फूस के घर (कच्ची झोपड़ी) में रहता है. इस्लामपुर पुलिस के सूत्रों ने नाबालिग को स्थानीय बाजार में एक महिला का पर्स छीन लेने की घटना में सीसीटीवी की मदद से पकड़ा था. लोकसेवा दिवस आज, पीएम मोदी बोले- कोरोना से जंग में अहम भूमिका निभा रहे लोकसेवक अपने स्तर पर कोरोना से भिड़ा हुआ है रेलवे, कर रहा ऐसा काम दिल्ली-ग़ाज़ियाबाद के बीच आवाजाही पर पूर्ण प्रतिबन्ध, डीएम ने जारी किए आदेश