'बिहार बोर्ड' फिर फंसा नंबर घोटाले के भंवर में

पटना: देश में शिक्षा के क्षेत्र में सबसे खस्ता हालात बिहार में देखन को मिलते हैं, बिहार में आये दिन शिक्षा संबंधी घोटाले देखने को मिलते रहते हैं. इसी राह पर चलते हुए बिहार में अब एक और ताज़ा मामला देखने को मिला हैं. बिहार शिक्षा बोर्ड नए विवाद में घिरता हुआ दिख रहा हैं. दरअसल बिहार बोर्ड एक 10 वीं कक्षा के छात्र के साथ किये गए कारनामे के कारण निशाने पर हैं. बोर्ड द्वारा 10 वीं कक्षा के इस छात्र को हिंदी के 100 अंक के प्रश्न पत्र में मात्र 2 अंक ही दिए गए. जिसके कारण वह परीक्षा में उत्तीर्ण नहीं हो सका था.  

इस मामले का खुलासा एक आरटीआई के तहत हुआ. हालात यह हैं थे कि छात्र धनञ्जय कुमार केवल 2 अंक प्राप्ति के कारण खुद को बहुत तनाव में ले आया था. एवं छात्र के द्वारा इसके लिए बोर्ड में भी आवेदन किया गया था, परन्तु जाँच के बाद भी इन अंको को सही नहीं किया गया. इस पर फिर छात्र द्वारा आरटीआई का सहरा लिया गया. आरटीआई ने धनञ्जय की मदद की, और उसे 1 नवम्बर को अपनी उतर पुस्तिका की एक प्रतिलिपि प्राप्त हुई. जिसमे छात्र को 79 अंक मिले थे.

प्राप्त मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ उक्त आवेदन धनञ्जय के बड़े भाई द्वारा किया गया था. जो कि आरटीआई के तहत किया गया था. छात्र के बड़े भाई के मुताबिक़ ‘हम पिछले 6 महीनों से इधर से उधर अधिकारियों के पास चक्कर लगा रहे थे. मेरा भाई ठीक से पढ़ाई भी नहीं कर पा रहा था. ’' वही धनञ्जय ने बताया कि मैं आईआईटी में पढाई करना चाहता था, लेकिन अब मेरे सारे सपने टूट गए हैं. मेरे मन में आत्महत्या करने का विचार आता था, लेकिन मेरे परिवार ने मेरी मदद की.

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