नई दिल्ली: कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के चलते देश भर में लागू किए गए लॉक डाउन की वजह से लोगों की आवाजाही पर रोक लग गई. कोरोना को रोकने की दिशा में लिए गए इस फैसले से जो जहां थे, वो वहीं रह गए. ऐसे में कई लोगों को समस्याओं का भी सामना भी करना पड़ा. इसी क्रम में बिहार से उपचार कराने आया एक परिवार दिल्ली में फंस गया. दरअसल, बिहार के समस्तीपुर के रहने वाले गनोर पासवान की बेटी आग से बुरी तरह झुलस गई थी. बेटी का इलाज कराने लॉक डाउन से पहले वह दिल्ली पहुंचे और यहीं फंस गए. गनोर पासवान ने कहा कि, "मेरी बेटी 2018 में बुरी तरह झुलस गई थी और पैसे न होने के कारण मैं इसका उपचार अच्छे से नहीं करा पाया था. इसका एक हाथ जलने के कारण चिपक गया है और एक कान जल कर आधा गिर गया है. दिसम्बर 2019 में पहली मर्तबा दिल्ली के अस्पताल में इसका ऑपरेशन कराया था और डॉक्टर ने कहा था कि हर 3 महीने में सर्जरी होगी और 4 से 5 सर्जरी के बाद ही ये ठीक हो पाएगी." पासवान ने कहा कि, "लगभग 1 मार्च को मेरा परिवार दिल्ली आया था. मैं, मेरी बीवी, मां, पिता और मेरी बेटी. राम मनोहर लोहिया में मेरी बेटी की सर्जरी होने वाली थी, किन्तु कोरोना महामारी के कारण लॉक डाउन में हम यहां फंसे रह गये." हीरो साइकिल ने शुरू किया उत्पादन, जताई मांग बढ़ने की उम्मीद एमपी के इस शहर में प्लाज्मा थैरेपी से ठीक हुआ कोरोना का मरीज सप्ताह के पहले दिन हरे निशान में खुले बाजार, 350 अंक चढ़ा सेंसेक्स