पटना: रविवार को बिहार में पुलिस सब-इंस्पेक्टर के कुल 1275 पदों को भरने के लिए प्रारंभिक परीक्षा आयोजित की जा रही है. रविवार को बिहार पुलिस अधीनस्थ सेवा आयोग (BPSSC) सब-इंस्पेक्टर (Sub-Inspectors) प्रीलिम्स एग्जाम में नकल रोकने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग करने का निर्णय लिया है. इस परीक्षा में लगभग 6.60 लाख उम्मीदवारों के सम्मिलित होने की उम्मीद है. परीक्षा दो शिफ्ट में आयोजित की जा रही है, पहली सुबह 10 बजे से दोपहर तक तथा दूसरी शिफ्ट दोपहर 2.30 बजे से शाम 4.30 बजे तक प्रदेश के विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर आयोजित की जा रही है. BPSSC के अध्यक्ष के एस द्विवेदी ने शनिवार को परीक्षा में नकल रोकने के लिए एआई (Artificial Intelligence) पॉवर्ड सिस्टम के उपयोग की खबर दी थी, उन्होंने कहा, "BPSSC प्रदेश के सभी 38 जिलों के सभी 613 केंद्रों में परीक्षा के चलते नकल और साहित्यिक चोरी जैसी नकल का पता लगाने तथा रोकने के लिए एआई संचालित प्रणालियों का उपयोग कर रहा है." AI-संचालित सिस्टम परीक्षा के चलते छात्रों पर नजर रखने के लिए चेहरे की पहचान, आंखों की ट्रैकिंग तथा अन्य तकनीकों का इस्तेमाल कर सकते हैं. BPSSC के अध्यक्ष के एस द्विवेदी ने बताया कि कैंडिडेट्स को परीक्षा से डेढ़ घंटे पहले एंट्री की परमिशन है तथा परीक्षा आरम्भ होने से आधे घंटे पहले गेट बंद कर दिया जाएगा. इस बार प्रश्नपत्र में गड़बड़ी एवं वायरल होने से रोकने के लिए प्रश्नपत्र के हर पन्ने पर यूनिक नंबरिंग की गई है. सभी केंद्रों पर पटना में BPSSC मुख्यालय में सेंट्रल कमांड रूम द्वारा कड़ी निगरानी की जाएगी. अध्यक्ष ने कहा, "परीक्षार्थियों से लेकर पर्यवेक्षकों, सभी केंद्रों के प्रशासकों तथा एंट्री-एग्जिट पॉइंट पर 16500 CCTV कैमरों की सहायता से निगरानी की जाएगी. इन CCTV को BPSSC मुख्यालय में स्थापित कमांड तथा कंट्रोल सिस्टम से जोड़ा गया है. प्रवेश से पहले कैंडिडेट्स की तलाशी ली गई." उन्होंने कहा कि अगर कोई केंडिडेट परीक्षा में गडबड़ी और कदाचार करते हुए पाया जाता है, तो केंडिडेट को अगले तीन वर्षों के लिए आयोग की परीक्षा में बैठने से प्रतिबंधित कर दिया जाएगा. बता दें कि BPSSC का लक्ष्य इस भर्ती अभियान के जरिए 1,275 सब-इंस्पेक्टर पदों को भरना है.इनमें 441 पद सामान्य श्रेणी के, 275 पद अनुसूचित जाति के कैंडिडेट्स के लिए, 238 पद अत्यंत पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) के लिए, 111 पद आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए और 107 पद पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित हैं. इसके अतिरिक्त ट्रांसजेंडर के लिए पांच पद आरक्षित हैं. चयन प्रक्रिया में पांच चरण सम्मिलित हैं: प्रारंभिक लिखित परीक्षा, मुख्य लिखित परीक्षा, शारीरिक दक्षता परीक्षा (पीईटी/शारीरिक मानक परीक्षण (पीएसटी), दस्तावेज़ सत्यापन और चिकित्सा परीक्षा. 'अब ब्रह्मांड की कोई ताकत अनुच्छेद 370 की वापसी नहीं करा सकती', बोले PM मोदी मेट्रो स्टेशन का रास्ता बताने के बहाने 52 वर्षीय महिला को दूर ले गया मजदूर, और फिर करना लगा ये गंदा काम असम में उग्रवादी समूह ULFA के साथ सरकार की बातचीत जारी, सीएम सरमा बोले- जल्द होगा शांति समझौता