पटना: बिहार बीजेपी ने बृहस्पतिवार को पुष्टि की कि उसने पटना में पार्टी मुख्यालय में आयोजित होने वाले “सहयोग’’ कार्यक्रम के चलते पत्रकारों से बातचीत बंद कर दी है। हफ्ते में 6 दिन चलने वाले इस कार्यक्रम में पार्टी से ताल्लुक रखने वाले प्रदेश सरकार के मंत्री सम्मिलित होते हैं। बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव रंजन ने इन अटकलों को खारिज किया है कि यह कदम सीएम नीतीश कुमार की पार्टी JDU की नाराजगी से बचने के लिए उठाया गया है। साथ ही प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव रंजन ने कहा, “ऐसी कोई बात नहीं है। पार्टी प्रवक्ता मीडिया के प्रश्नों के उत्तर देने और पार्टी लाइन के मुताबिक, बयान देने के लिए उपलब्ध हैं। इसके अतिरिक्त मंत्री जब भी चाहें कहीं भी बोल सकते हैं।” बीजेपी उपाध्यक्ष ने जोर देकर कहा कि ‘सहयोग’ कार्यक्रम का उद्देश्य आम पार्टी कार्यकर्ताओं एवं कभी-कभी नागरिकों को भी अपनी शिकायतों को सीधे मंत्री के सामने रखने का मौका प्रदान करना है, जिससे उन्हें संपर्क करना कठिन हो सकता है। रंजन ने साफ़ किया, "मीडिया की हलचल एक व्याकुलता के तौर पर आई है, मगर ऐसा नहीं है कि मीडिया को उन मंत्रियों की टिप्पणियां नहीं मिलेंगी। पत्रकार मंत्रियों से प्रेस कॉन्फ्रेंस के अतिरिक्त अन्य जगहों पर भी मिल सकते हैं।” हालांकि, नई व्यवस्था हाल ही में लागू हुई है तथा इसे बीजेपी के सात विंग (मोर्चों) की संयुक्त राष्ट्रीय कार्यकारिणी की पृष्ठभूमि में देखा जा रहा है, जिसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह एवं पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने हिस्सा लिया था। संयुक्त राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो दिवसीय कार्यक्रम के समापन के बाद राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि बीजेपी JDU के साथ गठबंधन में अगला लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़ेगी। इस बयान को शीर्ष भाजपा नेतृत्व के एक अप्रत्यक्ष संदेश के तौर पर माना जा रहा है कि वह गठबंधन में मजबूती रखना चाहते हैं। फ्री में तिरंगे बाँट रही कांग्रेस, भड़के CM शिवराज ने कह डाली ये बड़ी बात 'भाजपा कभी अकेले चुनाव लड़ ही नहीं सकती', इस नेता ने दिया बड़ा बयान बाहुबली विधायक राजा भैया के पिता उदय प्रताप सिंह को यूपी पुलिस ने किया नज़रबंद