पटना: जब से बिहार में नीतीश कुमार ने दो दिन पहले अपने मंत्रिमंडल का गठन किया है तब से हम पार्टी के जीतन राम मांझी और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के उपेंद्र कुशवाहा नाराज हैं, क्योंकि नीतीश ने न तो इन दोनों को और न इनके द्वारा सिफारिश किये गए व्यक्ति को मंत्री बनाया है. यही शिकायत लेकर मांझी दिल्ली गए हैं. जहां वह बीजेपी के शीर्ष नेताओं के समक्ष अपनी बात रखेंगे . उल्लेखनीय है कि मांझी ने खुद मंत्री बनने से मना कर दिया था, लेकिन अपने एक नेता को कैबिनेट में शामिल किए जाने की उन्होंने सिफ़ारिश की थी, लेकिन नीतीश कुमार ने ये कहते हुए उनकी सिफारिश को ख़ारिज कर दिया था कि जो सदन का हिस्सा न हो उसे मंत्री नहीं बनाया जाएगा. बता दें कि इसी बात को दोहराते हुए उपेंद्र कुशवाहा के सुझाए नाम को भी कैबिनेट में शामिल नहीं किया गया, जबकि एलजेपी के पशुपति पारस जो अभी किसी भी सदन के सदस्य नहीं है,फिर भी उन्हें नीतीश कैबिनेट में शामिल कर लिया गया. कहा जा सकता है कि इन दोनों के साथ नीतीश कुमार ने दोहरा मानदंड अपनाया. इसी कारण नीतीश से यह दोनों सहयोगी नाराज़ हैं. यह भी देखें CM नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में बीजेपी कोटे के 12 में से 9 मंत्रियों को मिला पहली बार मौका लालू ने शरद को दिया न्योता, आओ मिलकर भाजपा के खिलाफ लड़े