पटना: इस साल बिहार में आई भीषण बाढ़ से हुए नुकसान की भरपाई के लिए नीतीश सरकार ने केंद्र सरकार से 7,636 करोड़ की सहायता राशि मांगते हुए सोमवार को केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेज दिया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोक संवाद कार्यक्रम के बाद पत्रकारों को यह जानकारी दी। बता दें कि 21 मदों में 7,636 करोड़ रुपये की यह मदद मांगी गयी है। राज्य सरकार को उम्मीद है कि यह राशि केंद्र से मिल जाएगी। इस राशि से राहत कार्य चलाने के साथ-साथ पुनर्वास, सड़क-पुलों का निर्माण, घरों की क्षतिपूर्ति और फसल के लिए सब्सिडी लोगों को उपलब्ध कराई जा सके. हालाँकि बिहार सरकार ने भी अपने खजाने से कुल राशि 2601 करोड़ रुपये जारी की हैं, जिन्हें ग्रेच्यूटस रिलीफ के रूप में वितरित किया जा रहा है। अब तक पीड़ित 38 लाख परिवारों में से 13 लाख के बैंक खातों में एक-एक महीने का राशन, कपड़ा व बर्तन के लिए छह-छह हजार रुपये दिए जा चुके हैं। शेष परिवारों का खाता खुलवा कर सात-आठ दिनों में राशि वितरित करने का लक्ष्य है। उल्लेखनीय है कि इस साल बाढ़ से 19 जिलों के 187 प्रखंडों व 2371 पंचायतों के 1.71 करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं। इस मौके पर सीएम ने 2008 की कोसी बाढ़ को याद करते हुए कहा, तब तत्कालीन यूपीए सरकार ने 1010 करोड़ रुपये बुनियादी सहायता के लिए दिये थे. लेकिन पुनर्वास और पुनर्निर्माण के लिए न तो कोई राशि दी और न ही संसाधन, तब बिहार सरकार ने विश्व बैंक से ऋण लेकर अपना काम चलाया था. यह भी देखें लालू यादव और तेजस्वी यादव से CBI करेगी पूछताछ बिहार ने बाढ़ से सीखा सबक, हर पंचायत को मिलेंगी पांच नाव