नई दिल्ली: गजवा-ए-हिन्द (हिंदुस्तान पर इस्लामी शासन) के आतंकी मॉड्यल पर शिकंजा कसने में अब बिहार के साथ ही उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और तेलंगाना की ATS ने भी कार्रवाई शुरू कर दी है। देश विरोधी साजिश का पर्दाफाश करने में इन चार राज्यों की ATS के साथ ही केंद्रीय एजेंसियां NIA, RAW और IB भी पूरा सहयोग कर रही है। बिहार पुलिस द्वारा अरेस्ट किए गए संदिग्ध मरगूब अहमद दानिश उर्फ ताहिर से पूछताछ में प्राप्त जानकारी के बाद पटना में बुधवार को एक बार फिर इन एजेंसियों की उच्च स्तरीय बैठक हुई। सूत्रों के अनुसार, बिहार में सामने आए गजवा-ए-हिन्द व्हाट्सएप ग्रुप की तरह ही, इसी नाम से महाराष्ट्र, यूपी व अन्य राज्यों में भी आतंक का जाल फैलाया जा रहा है। यही कारण है कि चारों राज्यों की ATS की मीटिंग बुधवार को पटना में हुई। इसमें केंद्रीय जांच व खुफिया एजेंसियों के अधिकारी भी उपस्थित रहे। पूर्वी चंपारण जिले के ढाका स्थित जामिया मारिया निस्वा मदरसे से मंगलवार शाम लखनऊ NIA की टीम ने मुफ्ती असगर अली को अरेस्ट कर लिया था। जांच में उसके तार बांग्लादेशी आतंकी संगठन जमात ए मुजाहिदीन बांग्लादेश (JMB) से जुड़ते मिल रहे हैं। बता दें कि बीते दिनों भोपाल में उक्त संगठन की सक्रियता के बाद एक मामले में असगर अली की गिरफ्तारी इसी तरफ संकेत कर रही है। पुलिस अधीक्षक डॉ. कुमार आशीष ने बताया है कि गिरफ्तार किए गए असगर अली के JMB कनेक्शन से इनकार नहीं किया जा सकता। आतंकी ग्रुप में बड़ी तादाद में विदेशी शामिल हैं, यह बात पहले ही साबित हो चुकी है। बताया जा रहा है कि दोनों ही वाट्सएप ग्रुप में 100 से ज्यादा नम्बर पाकिस्तान के हैं। वहीं, बड़ी तादाद में बांग्लादेशी ने नम्बर भी शामिल हैं। भारत के कई नम्बर भी हैं, जिन्हे डिकोड करने में ATS लगी हुई है। गजवा-ए-हिन्द मॉड्यूल की जांच आगे बढ़ने के साथ ही इसके ताल्लुक दूसरे आतंकी संगठनों से भी जुड़ रहे हैं। जांच एजेंसियों को गजवा-ए-हिन्द में शामिल संदिग्धों के ताल्लुक बांग्लादेशी आतंकी संगठन जमीयत-उल-मुजाहीदीन (JMB) से होने के सबूत मिले हैं। JMB भारत में कई आतंकी वारदात में शामिल रहा है और इसके कई आतंकियों की पहले भी गिरफ्तारी हो चुकी है। क्या है ‘गजवा-ए-हिंद’ ? बता दें कि, इस्लामी किताबों के अनुसार ‘गजवा-ए-हिंद’, हिंदुस्तान पर फतह का इस्लामी मिशन है। जिसके तहत पूरे भारत को इस्लामी राष्ट्र बनाना और हर इंसान को मुस्लिम बनाने का लक्ष्य रखा गया है। पाकिस्तान के कई कट्टरपंथी संगठन इसी मिशन पर काम कर रहे हैं। केवल आतंकवादी ही इससे इत्तेफाक नहीं रखते, कई जाने-माने और पढ़े लिखे लोग भी ‘गजवा-ए-हिंद’ में यकीन रखते हैं। पाकिस्तान के पूर्व तेज़ गेंदबाज़ शोएब अख्तर भी ‘गजवा-ए-हिंद’ को लेकर TV पर बयान दे चुके हैं। वे कह चुके हैं कि, इस्लामी किताबों के अनुसार, फौजें कश्मीर को फतह करेंगी और इसके बाद आगे जाकर हिंदुस्तान पर कब्ज़ा करेंगी। अब यही ‘गजवा-ए-हिंद’ की सोच भारत के आम मुसलमानों में भी भरी जाने लगी है, जिसमे PFI जैसी कट्टरपंथी संगठनों की अहम भूमिका है। कुछ जानकार ये भी बताते हैं कि, गजवा-ए-हिन्द, पूरी दुनिया को इस्लामी झंडे के नीचे लाने का ही एक हिस्सा है, जिसमे सभी को मुसलमान बनाना शामिल है। राकांपा के राष्ट्रीय स्तर के प्रकोष्ठ भंग: प्रफुल्ल पटेल कोरोना, अस्पताल के बाद, नेशनल हेराल्ड केस में 'सोनिया गांधी' से पूछताछ आज न्यायिक सहयोग पर मालदीव के साथ समझौता ज्ञापन को कैबिनेट ने दी मंजूरी