बिहार में बढ़ा बच्चों की जान का खतरा, तेजी से फ़ैल रहा है वायरल फीवर

पटना: बिहार में बच्चे वायरल बुखार से ग्रसित हैं तथा सभी बड़े हॉस्पिटल्स के पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट वार्ड रफ़्तार से भर रहे हैं। इन हॉस्पिटल्स के चिकित्सकों को डर है कि वायरल फीवर कोरोना संक्रमण का नया रूप हो सकता है। हालांकि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने अभी इसकी पुष्टि नहीं की है।

वही हालात यहां तक पहुंच गए है कि पीएमसीएच (PMCH), एनएमसीएच (NMCH), इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान, पटना एम्स, एसकेएमसीएच मुजफ्फरपुर, भागलपुर मेडिकल कॉलेज तथा हॉस्पिटल जैसे प्रमुख हॉस्पिटल्स में बच्चों के वार्ड 80 फीसदी भरे हुए हैं। सारण के अमनौर प्रखंड के तरपुर गांव में बीते चार दिनों में तीन बच्चों की जान चली गई। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, गांव के लगभग 70 बच्चों को वायरल फीवर तथा सांस लेने में दिक्कत है। गांव में मेडिकल टीम कैंप कर रही है। 

वही गोपालगंज जिले में भी एक बच्चे की मृत्यु हो गई। चिकित्सकों का कहना है कि बच्चों में इन्सेफलाइटिस (चमकी) बुखार के लक्षण दिखाए दिए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने सभी मेडिकल स्टाफ की छुट्टी कैंसिल कर दी है। प्रदेश की सरकार हाई अलर्ट पर है। भागलपुर मेडिकल कॉलेज तथा हॉस्पिटल में पीआईसीयू वार्ड में 70 बेड हैं तथा उनमें से 50 भरे हुए है। NMCH में 136 बेड पीआईसीयू वार्ड में हैं तथा इनमें से 85 पर कब्जा है। सीतामढ़ी, सीवान, गोपालगंज, पश्चिमी चंपारण तथा पूर्वी चंपारण के रोगी बड़ी संख्या में एडमिट थे। 

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