पटना की जन्मभूमि और कर्मभूमि से नाता रखने वाले जेपी नड्डा को 11वें राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में चुन लिया गया है. बीते काफी समय से वह कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में कार्य कर रहे थे. उनकी सियासी यात्रा की शुरुआत चाणक्य की धरती पाटलिपुत्र से ही हुई. यही वजह है कि बिहार छोडऩे के बाद भी नड्डा का इस भूमि से गहरा लगाव है.अस्सी के दशक में पटना कॉलेज में पढ़ाई करते हुए नड्डा पहली बार अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) की ओर आकर्षित हुए थे. तब उन्हें भी आभास नहीं होगा कि एक दिन उनके हाथ में दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी की कमान होगी. कांग्रेस नेता सिब्बल CAA को लेकर आए घिरे में, विरोध और समर्थन पर दी सफाई मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पटना से एबीवीपी कार्यकर्ता के तौर पर राजनीतिक यात्रा शुरू करने वाले नड्डा की राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर ताजपोशी से बिहार के बीजेपी नेताओं में खुशी की लहर है. पांच नंवबर को बतौर कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष पटना दौरे पर आए नड्डा ने पाटलिपुत्र की धरती पर होश संभालने से लेकर कॉलेज जीवन तक का अनुभव साझा किया था. TDP सांसद जयदेव गल्ला की परेशानी में हुआ इजाफा, मंगलगिरि मजिस्ट्रेट के सामने हुए पेश आपकी जानकारी के लिए बता दे कि बीजेपी के संस्थापक सदस्य रहे कैलाशपति मिश्र की पुण्यतिथि समारोह में नड्डा ने अपने बचपन का जिक्र करते हुए कहा था कि कैलाशपति मिश्र मेरे पिताजी से मिलने घर आते थे.मैंने उनसे पूछा कि आप ऐसी पार्टी के लिए प्रचार क्यों करते हैं जिसके बारे में लोग कहते हैं कि कुछ सौ वोट ही आएंगे. एक-दो विधायक ही जीतेंगे. मिश्र ने मुझे जवाब दिया था कि चुनाव जीतना उद्देश्य नहीं है. मुझे घर-घर तक जनसंघ के दीपक को पहुंचाना है. जनसंघ से बनी बीजेपी आज घर-घर तक पहुंच चुकी है. ममता बनर्जी ने सरकार के इस कदम को बताया खतरनाक खेल, अन्य राज्यों से की यह अपील 1984 के सिख दंगा : वकील को मिली जान से मारने की धमकी, मजिस्ट्रेट ने दिया बड़ा बयान भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर को मिल सकती है राहत, तीस हजारी कोर्ट में आज सुनवाई