अहमदाबाद: 2002 के गुजरात के बिलकिस बानो दुष्कर्म मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने गुजरात सरकार को निर्देश जारी किया है कि वह पीड़ित को 50 लाख रुपये, सरकारी नौकरी और घर मुआवजे के तौर पर दें। इससे पहले 29 मार्च को सर्वोच्च न्यायालय ने इस मामले में गुजरात सरकार को निर्देश दिया था कि वह 2 सप्ताह में एक आईपीएस अधिकारी सहित 6 पुलिसवालों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई किया जाना सुनिश्चित करें। इन सभी पुलिसवालों पर दुष्कर्म मामले की जांच में लापरवाही बरतने का आरोप है। दरअसल, बिलकिस बानो ने शीर्ष अदालत में अर्जी दाखिल कर उचित मुआवजा देने की मांग की थी। इस मांग पर गुजरात सरकार ने बिलकिस बानो को 5 लाख का मुआवजा देने की बात कही थी, जिसे लेने से बिलकिस बानो ने इंकार कर दिया है। गत वर्ष शीर्ष अदालत ने गुजरात सरकार से मुआवज़े की राशि को बढ़ाने वाली याचिका पर जवाब देने के लिए कहा था। बिलकिस की याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय ने गुजरात सरकार से उस याचिका पर भी जवाब देने के लिए कहा था कि इस मामले में दोषी पुलिसवालों और डॉक्टर के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है? इससे पहले हुई सुनवाई में शीर्ष अदालत ने गुजरात सरकार को नोटिस जारी करने से मना कर दिया था। शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ता को कहा था कि आप गुजरात सरकार को याचिका की कॉपी प्रदान करें। इस मामले की सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने कहा था कि मुआवज़े की रकम को बढ़ाने के लिए दायर की गई याचिका में आरोपियों को पक्ष क्यों बनाया गया है। अदालत ने कहा था कि मुआवजा सरकार को देना है। खबरें और भी:- श्रीलंका बम धमाकों में मरने वाले भारतीयों की संख्या बढ़कर 10 हुई 'चौकीदार चोर है' वाले बयान पर बुरे फंसे राहुल गाँधी, सुप्रीम कोर्ट ने दिया एक और नोटिस बीजेपी में शामिल हुए अभिनेता सनी देओल, लड़ सकते है चुनाव