सावन का महीना सभी को पसंद होता है और इस महीने में भोले के भक्त ख़ुशी से झूमते हैं. ऐसे में जिस प्रकार भगवान शि‍व के पूजन एवं शिव की कृपा प्राप्ति के लिए बिल्वपत्र और उसके वृक्ष का महात्म्य है, उसी प्रकार बिल्वपत्र के वृक्ष की जड़ का भी विशेष महत्व होता है. जी हाँ, कहा जाता है इसे पूजन के साथ-साथ औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता है और अगर आप नहीं जानते है तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं बिल्वपत्र के जड़ की यह 6 महत्वपूर्ण विशेषताएं. 1. कहते हैं बिल्वपत्र के वृक्ष को श्रीवृक्ष के नाम से भी जाना जाता है, जिसकी जड़ को पूजनीय माना गया है. इसी के साथ इस वृक्ष की जड़ में मां लक्ष्मी का साक्षात वास होता है. 2. कहते हैं बिल्व की जड़ के पास किसी शिवभक्त को घी सहित अन्न, खीर या मिष्ठान्न दान करता है, वह कभी दरिद्रता या धनाभाव से ग्रसित नहीं होता. 3. कहा जाता है बिल्वपत्र की जड़ का पूजन करने से सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिल जाती है इसी के साथ शिव की कृपा प्राप्त होती है. 4. ऐसी मान्यता है संतान सुख की प्राप्ति के लिए फूल, धतूरा, गंध और स्वयं बिल्वपत्र चढ़ाकर इस वृक्ष के जड़ का पूजन किया जाता है और इस कारण से सभी सुखों की प्राप्ति होती है. 5. कहा जाता है बिल्वपत्र की जड़ का जल अपने माथे पर लगाने से समस्त तीर्थयात्राओं का पुण्य मिल जाता है. 6. कहा जाता है बिल्वपत्र की जड़ को पानी में घिसकर या उबालकर प्रयोग करने से कष्टकारी रोगों से राहत मिल जाती है. सावन सोमवार को इस आरती से करें भोले बाबा को खुश मंदोदरी की पूजा से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने दर्शन, मंदिर में रावण से करवाई थी मुलाक़ात 20 जुलाई को है संकष्टी चतुर्थी, श्रावण में विशेष है इसका महत्त्व