बिंद्रा का बड़ा बयान, कहा- मेरा अतीत मुझे सीधे आईओए अध्यक्ष...

इंडिया के पहले व्यक्तिगत ओलंपिक गोल्ड मेडल विजेता अभिनव बिंद्रा ने शुक्रवार को बोला है कि वह अभी अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) एथलीट आयोग के प्रतिनिधि हैं और उन्होंने अभी इंडियन ओलंपिक संघ (आईओए) में प्रशासनिक भूमिका की अगुआई के बारे में विचार नहीं किया है। भारत की महान धाविका पीटी ऊषा हाल में आईओए की अगुआई करने वाली पहली महिला खिलाड़ी बनीं और जब बिंद्रा से पूछा जा चुका है कि उन्होंने अध्यक्ष पद के लिये अपना नाम क्यों नहीं दिया तो उन्होंने मीडिया से बोला है, ‘‘मैं इस समय आईओसी में एथलीट प्रतिनिधि हूं। मैं आईओसी के एथलीट आयोग का एक सदस्य हूं और मेरी भूमिका अभी दो वर्षों तक मान्य है। '' 

बिंद्रा को 2018 में आईओसी एथलीट आयोग में नियुक्त किया गया था जिसमें उनकी भूमिका प्रशासकों और खिलाड़ियों के मध्य सेतु की तरह और उनके सर्वश्रेष्ठ हित में कार्य करने की है। वह टाटा स्टील कोलकाता 25के के ब्रांड दूत के तौर पर शहर में हैं। उन्होंने यह भी कहा कि IOA में प्रशासनिक या कार्यकारिणी के पद में शामिल होना हितों में टकराव का मामला होता क्योंकि वह अब भी आईओसी में हैं। उन्होंने इस बारें में आगे बोला है कि ‘‘मेरा अतीत आईओए में अध्यक्ष पद के लिये सीधे टिकट हासिल करने की गारंटी नहीं है इसलिये मुझे इसके लिये तैयार रहना चाहिए जिसके बारे में मुझे सोचना होगा। '' 

बिंद्रा ने अपनी बात को जारी रखते हुए आगे कहा है, ‘‘मैं अपना आईओसी कार्यकाल समाप्त करना चाहता हूं। मैं मौजूदा परियोजना में योगदान करना चाहता हूं और मैं आईओसी के साथ पूरी तरह जुड़ा हुआ हूं, भले ही यह खिलाड़ियों के मानसिक स्वास्थ्य का केस हो या फिर उनके कल्याण की ही बात क्यों न हो । मैं एक ही समय में एथलीट प्रतिनिधि और प्रशासक नहीं हो सकता। मैंने इसके बारे में गहराई से नहीं सोचा है।

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