Biparjoy: 74 हज़ार लोगों का रेस्क्यू, NDRF-SDRF से लेकर तीनों सेनाओं के प्रमुख अलर्ट, हर मूवमेंट पर केंद्र की नज़र

अहमदाबाद: चक्रवाती तूफान बिपरजॉय (Biporjoy) जैसे-जैसे आगे बढ़ रहा है, इसका गंभीर असर दिखने लगा है. चक्रवाती तूफान बिपरजॉय के तबाही मचाने की आशंका के बीच केंद्र से लेकर राज्य सरकारें तक सब चौकन्नी हो गई हैं. गुजरात में NDRF की 17 टीमें और SDRF की 12 टीमें तैनात हैं. वहीं, इंडियन नेवी के 4 जहाजों को भी स्टैंडबाय में रखा गया हैं. इसके साथ ही, एहतियात के तौर पर तट के पास रहने वाले 74,000 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है.

 

मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक, गुजरात और महाराष्ट्र सहित 9 राज्यों पर महातूफान का खतरा मंडरा रहा है. इनमे लक्षद्वीप, केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात, असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय और राजस्थान (पश्चिमी) का नाम शामिल हैं. बिपरजॉय जब गुजरात के तट से टकराएगा, तो उस समय 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रप्तार से हवा चलने की आशंका है. इंडियन कोस्ट गार्ड के जवान लोगों को सावधान कर रहे हैं. समुद्र तटों को खाली करा दिया गया है. बिपरजॉय तूफान को लेकर इस समय राज्य से लेकर केंद्र सरकार तक पूरी तरह अलर्ट है. केंद्रीय गृहमंत्री, रक्षा मंत्री, तीनों सेना प्रमुख, NDRF, SDRF, गुजरात के सीएम और आपदा प्रबंधन से संबंधित प्रत्येक कर्मचारी और मौसम विभाग सबकी नजर इस समय केवल बिपरजॉय तूफान से निपटने पर है.

 

महातूफान बनकर गुजरात की दिशा में बढ़ रहे बिपरजॉय को गुजरात के 8 जिलों में रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है. बिपरजॉय तूफान के आज शाम 4 बजे कच्छ तट से गुजरने की संभावना जताई गई है,  मगर भगवान कृष्ण से जुड़ी द्वारका नगरी पर सभी की नजर टिकी हुई है. दरअसल, मान्यता है कि द्वारका पर जब भी कोई विपदा आई, तो द्वारकाधीश ने नगरी की रक्षा की है. द्वारकाधीश के जगत मंदिर में आज भी ध्वज नहीं बदला जाएगा. 

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