1 अक्टूबर 1945 को कानपूर के एक छोटे से गाँव में जन्मे रामनाथ कोविन्द भारतीय राजनीतिज्ञ हैं जो 20 जुलाई 2017 को भारत के 14वें राष्ट्रपति चुने गए। 25 जुलाई 2017 को सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश जे एस खेहर ने भारत के राष्ट्रपति के पद की शपथ ग्रहण करवाई। वे राज्यसभा सदस्य तथा बिहार राज्य के गवर्नर रह चुके हैं। राष्ट्रपति कोविन्द का सम्बन्ध कोरी (कोली) जाति से है जो, यूपी में अनुसूचित जाति, गुजरात में अनुसूचित जनजाति एवं उड़ीसा में अनुसूचित जनजाति आती है। वकालत की उपाधि लेने के बाद उन्होने दिल्ली हाई कोर्ट में वकालत शुरू की। 1977 से 1979 तक कोविंद, दिल्ली उच्च न्यायालय में केंद्र सरकार के वकील रहे। वर्ष 1991 में कोविंद भाजपा पार्टी में शामिल हो गये। वर्ष 1994 और 2000 में उत्तर प्रदेश राज्य से राज्य सभा चुने गए। इस प्रकार कोविन्द लगातार 12 सालों तक राज्य सभा के सदस्य रहे। NDA द्वारा 19 जून 2017 को रामनाथ कोविंद भारत के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार घोषित किए गए। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने प्रेस वार्ता करके उनकी उम्मीदवारी का ऐलान किया, अमित शाह ने कहा कि रामनाथ कोविंद दलित समाज से उठकर आए हैं और उन्होंने दलितों के उत्थान के लिए काफी काम किया है, वे पेशे से एक वकील हैं और उन्हें संविधान का बेहतर ज्ञान भी है इसलिए वे एक अच्छे राष्ट्रपति साबित होंगे । 20 जुलाई 2017 को राष्ट्रपति के निर्वाचन का परिणाम घोषित हुआ और कोविंद देश के 14वें राष्ट्रपति बन गए। यौन शोषण मामला: अस्पताल से चिन्मयानन्द को मिली छुट्टी, वापस भेजे गए जेल गांधी जयंती: राहुल के नेतृत्व में कांग्रेस निकालेगी पदयात्रा, सोनिया भी होंगी शामिल हनी ट्रैप मामलाः सीएम कमलनाथ ने डीजीपी को किया तलब