कोरोना संकट के बीच भारत ने चीन, कोरिया, मलेशिया, नेपाल, श्रीलंका और थाईलैंड से आयातित ऑटो और इलेक्ट्रिकल इंडस्ट्री में उपयोग होने वाले तांबे से बने फ्लैट प्रोडक्ट्स की कथित डंपिंग की शिकायत के बाद जांच शुरू कर दी है. एक घरेलू निर्माता अग्रवाल मेटल वर्क्स प्राइवेट लिमिटेड ने इन छह देशों से आयातित तांबे और तांबे की मिश्र धातु के फ्लैट प्रोडक्ट्स के आयात पर एंटी-डंपिंग जांच के लिए वाणिज्य मंत्रालय की जांच शाखा डीजीटीआर के समक्ष एक आवेदन दायर किया था. आवेदक ने इन देशों से माल की डंपिंग का आरोप लगाया है और आयात पर डंपिंग रोधी ड्यूटीज लागू करने का अनुरोध किया है. इस अंतर्राष्ट्रीय एयरलाइन ने किया वेतन कटौती का ऐलान, 20 फीसद तक कटेगी सैलरी अपने बयान में डीजीटीआर ने एक अधिसूचना में कहा है कि आवेदक द्वारा प्रस्तुत किये गए प्रथम दृष्टया साक्ष्यों के आधार पर प्राधिकरण यहां एक जांच शुरु करता है. इस जांच में निदेशालय छह देशों के विचाराधीन उत्पादों के संबंध में किसी भी कथित डंपिंग के अस्तित्व और उसके प्रभाव के बारे में जांच करेगा. अब जल्द भारत लाया जा सकता है भगोड़ा विजय माल्या, ब्रिटेन कोर्ट ने ख़ारिज की याचिका इसके अलावा अधिसूचना में आगे कहा गया कि, 'अगर यह पाया जाता है कि डंपिंग हुई है और यह घरेलू निर्माताओं को प्रभावित कर रही है, तो एंटी-डंपिंग शुल्क की राशि की सिफारिश की जाएगी. यह राशि घरेलू इंडस्ट्री को हुए नुकसान को भरने के लिए पर्याप्त होगी.' यहां बता दें कि डीजीटीआर ड्यूटी की सिफारिश करता है और वित्त मंत्रालय उसको लागू करता है. यहां जांच की अवधि जनवरी 2019 से दिसंबर 2019 अर्थात 12 महीने है. इसमें अप्रैल 2016-19 के आंकड़ों पर भी गौर किया जाएगा. CARE Ratings ने विमान यात्रियों की वृद्धि को लेकर चौकाने वाले आंकड़े किए पेश Microsoft में काम करने के सपने पर फिरा पानी, हायरिंग में रिकॉर्ड 46 फीसद की हुई गिरावट शून्य से नीचे पहुंचा क्रूड आयल का भाव, जानिए भारत को क्या होगा लाभ