अखिलेश के हाथों से छिटका यादव वोट बैंक, 'निरहुआ कार्ड' से भाजपा को बड़ा फायदा

लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) का किला मानी जाने वाली यूपी की आजमगढ़ लोकसभा सीट पर उपचुनाव में मिली शानदार जीत से भाजपा गदगद है। भाजपा नेताओं का दावा है कि पार्टी के उम्मीदवार (दिनेश लाल यादव निरहुआ) यादव वोटर्स को लुभाने में बहुत हद तक सफल हुए हैं, जो कि अब तक सपा का मुख्य वोटबैंक माना जाता था। ऐसे में यूपी में भाजपा बड़ी तादाद में यादव वोटर्स को आकर्षित करने और पार्टी से जोड़ने की योजना पर काम आरंभ कर चुकी है।

भाजपा के राज्यसभा सांसद हरनाथ सिंह यादव ने कहा है कि, 'अखिलेश यादव के रवैये और सियासत से यूपी में यादव समाज सपा से नाराज़ है। सपा अल्पसंख्यक वोटों पर विशेष फोकस कर रही है और यह समुदाय को पसंद नहीं आ रहा है। राज्य में भाजपा की उपस्थिति दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है और 2024 तक हम यूपी की सभी लोकसभा सीटें जीतने की स्थिति में पहुंच जाएंगे।' भाजपा ने उन 14 लोकसभा सीटों पर काम करने के लिए केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, अश्विनी वैष्णव, जितेंद्र सिंह और अन्नपूर्णा देवी को मिलाकर एक टीम का गठन किया है, जिन्हें 2019 में नहीं जीत पाई थी। 

बता दें कि अन्नपूर्णा देवी, यादव समुदाय से आती हैं और उनसे यादवों के गढ़ों पर नजर रखने को कहा गया है। पार्टी फिलहाल 2019 में हारने वाली सीटों पर फोकस करने के साथ पूरे सूबे में बूथ मजबूत करने का कार्यक्रम चला रही है। हरनाथ सिंह यादव मैनपुरी लोकसभा सीट के संयोजक हैं, जिसका प्रतिनिधित्व फिलहाल सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम मैनपुरी में 'B' श्रेणी के सभी बूथों को 'A' श्रेणी में तब्दील करने पर काम कर रहे हैं।

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