महाराष्ट्र बंद पर भड़के देवेंद्र फडणवीस

मुंबई: लखीमपुर खीरी हिंसा के विरोध में आज महाविकास आघाडी ने महाराष्ट्र बंद का आह्वान किया है। जी दरअसल कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना द्वारा यह बंद किया गया है और उनके इस आह्वान को नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने ढोंग बताया है। आज ही उन्होंने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा, “महाविकास आघाडी सरकार के सत्ता में आने के बाद महाराष्ट्र में अब तक 2 हजार किसानों की आत्महत्या हो चुकी है। हाल ही में आई बारिश और बाढ़ की वजह से किसानो को जबर्दस्त नुकसान हुआ है। उनके लिए कोई मदद नहीं पहुंचाई गई। मराठवाडा के किसानों के आंसू पोंछने का इनके पास वक्त नहीं है। वहां के संरक्षक मंत्री अब तक वहां गए भी नहीं हैं। अगर किसानों से सहानुभूति है तो मराठवाडा के किसानों के लिए महाविकास आघाडी पैकेज क्यों नहीं घोषित करती?”

आगे उन्होंने कहा , “मावल के पानी मांगने वाले किसानों को गोलियों से भून दिया था। तब इन्हें जालियांवाला बाग नजर नहीं आता। चार दिनों पहले राजस्थान में जब किसान आंदोलन करते हैं और उस आंदोलन को लाठियों से मारकर कुचला जाता है तो ये महाविकास आघाडी सरकार के लोग कुछ नहीं बोलते। हम मानते हैं कि लखीमपुर की घटना दुखद है। वहां की सरकार इसके लिए कार्रवाई कर रही है। लेकिन महाविकास आघाडी उनके लिए आंसू बहाने का ढोंग कर रही है। अगर सही में इन्हें किसानों की परवाह होती तो महाराष्ट्र के किसानों तक ये राहत पहुंचाते।” यह उन्होंने एनसीपी प्रमुख शरद पवार केलखीमपुर खीरी हिंसा की तुलना जालियांवाला बाग से करने पर कहा। इसी के साथ उन्होंने यह भी कहा कि महाराष्ट्र बंद को सफल बनाने के लिए सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग किया जा रहा है।

उन्होंने कहा, “महाविकास आघाडी के नेता जबर्दस्ती बंद करने के लिए दबाव डाल रहे हैं। यह स्टेट टेररिज्म है। बंद को आम जनता का समर्थन नहीं है। उच्च न्यायालय ने इस तरह के बंद पर प्रतिबंध का आदेश दिया हुआ है। यह उच्च न्यायालय की अवमानना है। उच्च न्यायालय से हम अपील करते हैं कि वह इस मामले में संज्ञान ले। स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि जिस सरकार पर कानून व्यवस्था चलाने की जिम्मेदारी है, उसी सरकार से जुड़े लोग कैबिनेट की मीटिंग में बंद को लेकर मीटिंग करते हैं, फैसला करते हैं। महाराष्ट्र में संविधान की धज्जियां उडाई जा रही हैं।''

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