नई दिल्ली: पूर्व प्रवक्ता नुपूर शर्मा के बयान और कानपुर हिंसा पर जारीए विवाद के बाद भाजपा सतर्क नजर आ रही है। बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश इकाई के प्रवक्ताओं से न्यूज चैनल की बहस में इन दोनों मुद्दों पर बात नहीं करने के निर्देश दिए गए हैं। खास बात है कि पैगंबर मोहम्मद पर की गई टिप्पणी के कारण भाजपा ने शर्मा को पार्टी से सस्पेंड कर दिया था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यूपी भाजपा के एक प्रवक्ता ने कहा है कि, 'हमें कानपुर मुद्दे पर होने वाली बहस में शामिल नहीं होने को कहा गया है। यह देखा गया है कि कई बार एंकर आपको कुछ कहने के लिए घेर लेते हैं। यदि आप मुद्दे पर अपना बयान सुरक्षित रखते हैं, तो आपके एक पुराने बयान को सामने लाया जाता है और आपको कुछ ऐसा कहने को विवश कर दिया जाता है, जिससे आप अल्पसंख्यकों के विरोधी लगें।' एक अन्य प्रवक्ता ने कहा कि उन्हें कानपुर हिंसा सहित मामले पर टिप्पणी नहीं करने के लिए कहा गया है। हालांकि, उन्होंने शर्मा के बयान का बचाव किया। प्रवक्ता ने कहा कि, 'उन्होंने बहस करने जैसा कुछ नहीं कहा था, मगर इस्लामिक देशों के अपने धर्म को लेकर कट्टर नजरिए के चलते मामला बड़ा हो गया।' बता दें कि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, राज्य में कानून और व्यवस्था के उल्लंघन पर सख्त प्रतिक्रिया देते रहे हैं। ऐसे में कानपुर मामले में भी उनकी चुप्पी पर सवालों के दायरे में है। हालांकि, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और बृजेश पाठक ने सार्वजनिक तौर पर कानपुर मुद्दे पर बयान दिया था। रिपोर्ट के मुताबिक, पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने सीएम का बचाव करते हुए कहा कि वह प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के साथ व्यस्त थे। साथ ही यह कि मामला तेजी से सुलझ गया और उन्होंने अलग से वक्तव्य जारी नहीं किया। घर के भेदी.., हिन्दुओं की टारगेट किलिंग में 'आतंकियों' की मदद क्यों कर रहे स्थानीय कश्मीरी ? क्या सोनिया गांधी को सही में हुआ कोरोना या फिर ईडी से बचने के लिए बहाना? कानपुर: हिंसाग्रस्त इलाके में पहुंचा बुलडोज़र, दंगाइयों के घरों पर कभी भी हो सकती है कार्रवाई