नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में "गंभीर संवैधानिक संकट" पैदा हो गया है क्योंकि अधिकारी कह रहे हैं कि वे भाजपा की कथित "धमकी और दबाव" के कारण काम नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि, यह समस्या दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा न मिलने से पैदा हुई है और वास्तविक शक्ति केंद्र सरकार के पास है, जिसका नेतृत्व एक अलग पार्टी कर रही है, और "वह दूसरी पार्टी नहीं चाहती कि चुनी हुई सरकार (दिल्ली की) अपना काम करे"। दिल्ली विधानसभा में अपने संबोधन के दौरान केजरीवाल ने यह भी कहा कि पानी के बिलों में सुधार के लिए एकमुश्त समाधान योजना में कुछ अधिकारियों द्वारा "बाधा" डाली जा रही है। मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि भाजपा के दबाव के कारण अधिकारियों को पानी के बिलों में सुधार के लिए एकमुश्त समाधान योजना को रोकने की धमकी दी जा रही है। भाजपा की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। केजरीवाल ने यह भी दावा किया कि अधिकारियों की काम करने की अनिच्छा के कारण दिल्ली में "गंभीर संवैधानिक संकट" पैदा हो गया है। उन्होंने उपराज्यपाल वीके सक्सेना से योजना की मंजूरी के लिए अधिकारियों को बुलाने की अपील की और कहा कि इस 'अच्छी योजना' से 10.5 लाख परिवारों को फायदा होगा। मदरसे की छात्राओं से मालिश करवाता था मोहम्मद तहसीन, महिला शिक्षिका के साथ भी नाज़ायज़ संबंध, ग्रामीणों में आक्रोश हर महीने काटते थे 600 गाय, 50 गाँव में होती थी डिलीवरी ! अब राजस्थान सरकार ने लिया बड़ा एक्शन, 4 पुलिसकर्मी निलंबित आज़ादी के बाद पहली बार छत्तीसगढ़ के इस गाँव में लहराया तिरंगा, नक्सलियों का हेडक्वार्टर माना जाता है पुवर्ती