कोलकाता: 2014 के लोकसभा चुनाव में जब मोदी लहर पर सवार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और एनडीए ने लोकसभा में जोरदार बहुमत हासिल किया था, तब भी भाजपा को पश्चिम बंगाल की 42 लोकसभा सीटों में से केवल 2 पर जीत हासिल हुई थी। यह 2009 के आंकड़े से मात्र 1 सीट ही अधिक थी, जब भाजपा ने दार्जिलिंग पर जीत दर्ज की थी। किन्तु भाजपा की सफलता की असली कहानी सीटें नहीं, वोट शेयर ने बयान की है। 2009 में पश्चिम बंगाल में भाजपा का वोट शेयर जहां मात्र 6.1 प्रतिशत था, जो 2014 में 16.8 प्रतिशत पहुँच गया। अब 5 साल बाद भाजपा पश्चिम बंगाल को उन प्रदेशों में गिन रही है, जहां उसे लाभ मिलेगा। उत्तरी बंगाल के अलीपुरदुआर में शुक्रवार को एक रैली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने दावा किया कि उनकी पार्टी बंगाल की 42 में से 23 सीटों पर जीत दर्ज करेगी। दूसरी तरफ, भारत भर में ऐंटी-भाजपा चेहरे के रूप में उभरीं तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने भी अपनी पार्टी के लिए सभी 42 सीटों का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसमें कोई शक नहीं है कि भाजपा बंगाल में एक बढ़ती हुई शक्ति है। 2016 के विधानसभा चुनावों में भी इसका वोट शेयर बढ़ा था जो कांग्रेस के निकट ही था। विधानसभा सीटों के हिसाब से पार्टी ने 294 में से केवल 3 पर जीत दर्ज की थी लेकिन 2011 के चुनाव से तुलना करें तो यह एक अच्छी सफलता थी, विशेषकर एक ऐसी पार्टी के लिए जो किसी प्रदेश में अपनी जमीन की तलाश में हो। 2011 विधानसभा चुनाव में भाजपा का खाता तक नहीं खुल सका था और वोट शेयर भी महज 4 प्रतिशत के लगभग था। खबरें और भी:- ब्रिटिश कोर्ट का नीरव मोदी को जमानत देने से इंकार, जेल में ही रहेगा भगोड़ा आज पूर्वोत्तर दौरे पर पीएम मोदी, इन राज्यों में करेंगे रैली कल दिल्ली में आयोजित होने वाले 'मैं भी चौकीदार' कार्यक्रम में शामिल होंगे पीएम मोदी