नई दिल्ली : 200 ऐसी राजनीतिक पार्टियों जिन्होंनेअपने टैक्स की सही जानकारी निर्वाचन आयोग को नहीं दी है उनके बारे में भारत निर्वाचन आयोग (ईसी) जल्द ही केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) को अपने उस फैसले के बारे में बताएगी जिसमें करीब 200 राजनीतिक पार्टियों के हटाने की बात कही गई है.इंडियन एक्सप्रेस का कहना है कि ये तो बस एक शुरुआत है. ऐसी जो भी पार्टियां टैक्स को लेकर गंभीर नहीं हैं उनपर कार्रवाई की जाएगी. वहीं दूसरी ओर असोसिएशन ऑफ डेमोक्रैटिक रिफॉर्म्स (एडीआर)की रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि बीजेपी को चंदे में जो रकम मिली है वह कांग्रेस, एनसीपी, सीपीआई, सीपीएम और तृणमूल कांग्रेस को मिले चंदे से तीन गुना अधिक है. कांग्रेस को बीजेपी के बाद सबसे अधिक 20 करोड़ रुपये चंदे में मिले हैं, जो उन्हें 918 दानदाताओं ने दिए हैं. चंदे का ब्यौरा पार्टियों ने चुनाव आयोग को सौंपा है. आपको जानकारी दे दें कि देश की 7 राष्ट्रीय पार्टियों को वर्ष 2015-16 में 20 हजार रुपये से अधिक की सीमा में 102 करोड़ का चंदा मिला है. यह रकम 1,744 लोगों द्वारा दिए गए चंदे से मिली है. सबसे अधिक चंदा बीजेपी को मिला है. 613 दानदाताओं ने बीजेपी को कुल 76 करोड़ रुपये चंदा दिया है.साथ ही एक खेदजजनक बात से भी रूबरू करवा दें कि कांग्रेस और बीजेपी ने अपने आयकर रिटर्न की जानकारी चुनाव आयोग को नहीं दी है. इसलिए 20 हजार रुपये से कम की सीमा में कितना चंदा इन्हें मिला इसकी जानकारी नही मिल पाई है. जबकि दूसरी ओर बीएसपी ने यह खुलासा किया है कि उसे 2015-16 के बीच 20 हजार से नीचे का चंदा नहीं मिला है.वहीं दूसरी ओर कांग्रेस को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से 1.17 करोड़ रुपये, सीपीआई को 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से 22.22 लाख रुपये और बीजेपी को बिहार से सिर्फ 51हजार रुपये का दान मिला है.एक रोचक बात यह भी है कि 2014-15 की तुलना में पार्टियों को मिले चंदे में 528 करोड़ रुपये की कमी हुई है, यानी चंदे में 84 प्रतिशत की गिरावट आई है. विरोधी दल साध रहे सरकार पर निशाना, कपड़ों की तरह मोदी बदल रहे नियम कैलाश बोले-सेना प्रमुख की नियुक्ति पर न हो सवाल