'भाजपा ने करवाया था पुलवामा हमला, राम मंदिर पर भी करवा सकती है..', क्या आतंकियों को न्योता दे रहे उद्धव ठाकरे ?

मुंबई: शिवसेना (UBT) नेता उद्धव ठाकरे ने रविवार (27 अगस्त 2023) को महाराष्ट्र के हिंगोली में एक रैली की, जहां उन्होंने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। अपने भाषण के दौरान, उद्धव ठाकरे ने कई विवादास्पद टिप्पणियाँ कीं। उद्धव ठाकरे ने कहा कि पुलवामा आतंकी हमला भाजपा ने कराया था। उन्होंने यह बयान देते हुए जम्मू-कश्मीर के पूर्व उपराज्यपाल सत्यपाल मलिक और तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद महुआ मोइत्रा का हवाला दिया। 

उद्धव ने कहा कि, 'महुआ मोइत्रा बंगाल से सांसद हैं। सत्यपाल मलिक जम्मू-कश्मीर के पूर्व उपराज्यपाल हैं। वह (सत्यपाल) पहले भी मोदी के करीबी सहयोगी रह चुके हैं। तो ये मेरी राय नहीं है। ये बात उन दोनों ने बताई है। उन्होंने खुले तौर पर कहा है कि इन लोगों (भाजपा) ने 2019 में चुनाव जीतने के लिए पुलवामा की साजिश रची। इसलिए वे सत्ता हासिल करने के लिए इतना नीचे भी गिर सकते हैं। उद्धव ठाकरे ने कहा कि, 'एक और संभावना के बारे में बात की जा रही है और देश के सभी हिंदुओं को इस पर ध्यान देना चाहिए। अब खुलासा हो गया है कि पाकिस्तान का हमला झूठी बात थी। वे चांद पर घर का वादा भी कर सकते हैं। फिर और क्या किया जा सकता है? यह ज्यादा खतरनाक है। देखिए राम मंदिर बन रहा है, जिसमें उनकी कोई भूमिका नहीं है। मैं कहता हूं कोई भूमिका नहीं, क्योंकि उन्होंने बाबरी मस्जिद नहीं गिराई, उन्होंने राम मंदिर बनाने का आदेश नहीं दिया - यह अदालत ने दिया था, और पैसा लोगों और सरकारी खजाने से दिया गया था। लेकिन वे 1 जनवरी 2024 को राम मंदिर के उद्घाटन का कार्यक्रम रखेंगे।'

उद्धव ने कहा कि, 'राम मंदिर के उद्घाटन के समय, जैसा कि सत्यपाल मलिक और महुआ मोइत्रा ने कहा था, वे पूरे देश से हजारों-लाखों हिंदुओं को अयोध्या बुलाएंगे। वे उन्हें बस और ट्रेन से अयोध्या लाएंगे। और जब कार्यक्रम के बाद ये ट्रेनें और बसें अपने-अपने स्थानों पर वापस जाएंगी, तो मुस्लिम बस्तियों से गुजरते समय ये इन बसों और ट्रेनों पर हमले की साजिश रचेंगे, ताकि पूरे देश में दंगे भड़काए जा सकें। यह मेरी राय नहीं है। यह इन दोनों नेताओं की राय है। मैं बस यह आपको बता रहा हूं।' यानी, एक तरह से उद्धव आतंकियों को अभी से 'क्लीन चिट' दे रहे हैं कि, वे यदि राम मंदिर उद्घाटन के समय हमला करते भी हैं, तो वे साफ बच जाएंगे, क्योंकि, उद्धव जैसे नेतागण, महुआ मोइत्रा और सत्यपाल मलिक के साथ मिलकर कथित 'हमले' का दोष अभी से भाजपा पर मढ़ चुके हैं। हमले के बाद उन्हें (उद्धव और अन्य) बस इतना ही कहना होगा कि, ''हमने तो पहले ही कहा था।'' ये उसी तरह होगा, जैसे कांग्रेस ने '26/11 मुंबई आतंकी हमले को RSS की साजिश' बताकर किताब जारी कर दी थी, हालाँकि, 10 आतंकियों में से एक अजमल कसाब जिन्दा पकड़ा गया और उसने कबूल कर लिया कि, वो हूरों के लिए जिहाद करने भारत आया था और उसे पाकिस्तान ने भेजा था। वरना, पाकिस्तान की 'गंदी नियत' छिपाने के लिए भारत में 'हिन्दू आतंकवाद' को लेकर पूरा प्रोपेगेंडा फैलाया जा चुका था। क्योंकि, यदि महुआ मोइत्रा, सत्यपाल मलिक, उद्धव ठाकरे के पास पुलवामा हमले को लेकर कोई सबूत हैं, तो उन्हें अदालत जाकर सरकार के खिलाफ मुकदमा लड़ना चाहिए, इस तरह आरोप लगाकर ये नेतागण, एक तरह से आतंकियों को क्लीन चिट दे रहे हैं, या यूँ कहें कि, अप्रत्यक्ष रूप से उन्हें हमले के लिए उकसा रहे हैं।      

बहरहाल, उद्धव ने आगे कहा कि, 'आगामी लोकसभा चुनाव के प्रचार में पीएम मोदी आपसे वादा कर सकते हैं कि वह आपको चांद पर एक घर देंगे। इस तरह वे (भाजपा) चंद्रयान की सफलता का राजनीतिकरण करते हैं। आप भी जानते हैं कि वहां घर बनाना संभव नहीं है, लेकिन एक पल के लिए तो सोचिएगा ही। आप सोचेंगे कि अगर यह घर आपको चांद पर मिल जाए तो क्या होगा? दरअसल, चांद पर आपको कुछ नहीं मिलेगा, लेकिन अब आपको अपना घर गिरवी रखना पड़ेगा। यह पहली संभावना है। और एक और चीज़ भी है जो बहुत महत्वपूर्ण है।'

पुलवामा हमला :-

बता दें कि 14 फरवरी, 2019 को राष्ट्रीय राजमार्ग 44 के माध्यम से केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के जवानों को श्रीनगर ले जा रहे वाहनों के एक काफिले पर आत्मघाती बम हमला हुआ था। जम्मू-कश्मीर के काकापोरा के जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के 22 वर्षीय आतंकवादी आदिल अहमद डार ने अपने विस्फोटक से भरे वाहन को CRPF जवानों को ले जा रही बस से टकरा दिया था। हमारे 40 जवान बलिदान हो गये थे।  जब भारत इस हमले पर शोक मना ही रहा था, तभी आदिल का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। आत्मघाती बम विस्फोट से पहले रिकॉर्ड किए गए, इसने स्पष्ट संदेश दिया कि पुलवामा हमला केवल भारतीय राज्य तक ही सीमित नहीं था, बल्कि हिंदू बहुसंख्यक के खिलाफ जिहादी कार्रवाई भी थी। वीडियो में, जैश-ए-मोहम्मद आतंकवादी आदिल अहमद डार ने हिंदू समुदाय को 'हिंदुस्तान का नापाक मुशरिकों' (भारत के अशुद्ध मूर्तिपूजक) और 'गाए का पेशाब पीने वालों' के रूप में अमानवीय करार दिया था और उनकी हत्या की बात कही थी।

 

पुलवामा हमले को 4 साल हो चुके हैं और आदिल अहमद डार के वीडियो के परिणामस्वरूप उसके एक से अधिक उद्देश्य पूरे हुए हैं। हिंदुओं में आतंक पैदा करने के अलावा, इसने भारत के लिबरल्स को भारतीय समुदाय को अपमानित करने, अपमानित करने और अमानवीय बनाने के लिए नया हथियार दिया। उद्धव ठाकरे लंबे समय से इन लिबरल्स में से एक हो गए हैं। अक्टूबर 2020 में, पूर्व हिंदुत्व आइकन उद्धव ठाकरे ने गोमूत्र (गोमूत्र) और गोबर (गाय का गोबर) के अभद्र, हिंदू-विरोधी संदर्भों के साथ भाजपा पर हमला करने के बाद एक नया निचला स्तर छू लिया था। उद्धव ने वार्षिक शिव सेना दशहरा मेले को संबोधित करते हुए अपमानजनक टिप्पणी की थी।

बालासाहेब ठाकरे के समय से हिंदुत्व की राजनीति करने वाले उद्धव ठाकरे के सुर कांग्रेस से हाथ मिलाते ही बदल गए थे, उन्हें भी आदिल अहमद डार की तरह गौमूत्र और गोबर का मज़ाक बनाते देखा गया था। उन्होंने कहा था कि, 'जो लोग हमारी सरकार पर आरोप लगाते हैं, उनके मुंह में गाय का गोबर और गौमूत्र भरा हुआ है। वे हम पर गोबर फेंकने की कोशिश कर रहे हैं, इस उम्मीद में कि यह चिपक जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ क्योंकि हम साफ-सुथरे हैं। ये वे लोग हैं जिनके मुंह और कपड़ों से गौमूत्र और गोबर की दुर्गंध आती है। आज, जब उद्धव फिर यह कह रहे हैं कि पुलवामा आतंकी हमले की साजिश भाजपा ने रची थी, तो देश के सामने आतंकी आदिल अहमद डार का वीडियो रखना जरुरी हो जाता है,  ताकि देश समझ सके कि उस हमले के पीछे मंशा क्या थी और किन मूर्तिपूजकों और गौमूत्र पीने वालों के प्रति नफरत को दर्शाते हुए यह हमला किया गया था ?

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