चार साल पहले भाजपा के जीते सांसदों का पार्टी ने उनके कार्य व्यवहार पर आंतरिक सर्वे कराया था , जिसकी रिपोर्ट ने पार्टी के होश उड़ा दिए हैं . इसमें आधे सांसदों के खिलाफ रिपोर्ट आई है .उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में सांसदों के प्रति लोगों की नाराजगी ज्यादा देखी जा रही है. आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में इस समय बीजेपी के 71 सांसद हैं, इनमें 48 सीटों पर रिपोर्ट सांसदों के खिलाफ है. मध्य प्रदेश में 16 एमपी के खिलाफ रिपोर्ट विपरीत रिपोर्ट आई है. इसी तरह राजस्थान और महाराष्ट्र में भी लोग अपने सांसदों के काम से खुश नहीं है.2019 के लोकसभा चुनाव के पहले बीजेपी ने अपने सांसदों से रिपोर्ट कार्ड जनता के सामने पेश करने के अलावा भारतीय जनता पार्टी भी आंतरिक सर्वे करवाया था . इसमें 2014 में 282 सीट जीतने वाली भाजपा के 152 सांसदों के खिलाफ रिपोर्ट मिली है. राजस्थान में 13 , महाराष्ट्र में 17 सीटें नाराजगी वाली हैं. वहीं बिहार में भी 12 सांसदों के कामकाज से लोग खुश नहीं हैं. हरियाणा में बीजेपी के सातों सांसद से जनता नाराज हैं. उल्लेखनीय है कि बीजेपी अब सर्वे के दूसरे चरण में पहुँच गई है. इसमें जिन सीटों पर जनता अपने जनप्रतिनिधियों से नाराज हैं, वहां पर उस एमपी को अपनी स्थिति सुधारने के निर्देश देने के साथ ही पार्टी पदाधिकारियों से वैकल्पिक उम्मीदवार के नाम भी मांगे गए हैं. दिल्ली के नगर निगम चुनावों की तर्ज पर नए चेहरों को उतारकर एंटी इंकंबेंसी फैक्टर को मात दे सकें. यह भी देखें हमने विपक्ष से 14 राज्यों की सत्ता छीन ली - अमित शाह पंजाब में शाह और बादल के बीच हुई बैठक