'केजरीवाल से डरती है भाजपा, इसलिए उन्हें फर्जी केस में जेल भेजना चाहती है..', AAP का दावा, बीजेपी ने भी किया पलटवार

नई दिल्ली: मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनावों में भाजपा की प्रचंड जीत दर्ज करने के एक दिन बाद, आम आदमी पार्टी (AAP) ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से "डरती" है और उन्हें "फर्जी" मामले में सलाखों के पीछे डालना चाहती है। हालांकि, एक जवाब में, भाजपा की दिल्ली इकाई के प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि अब समय आ गया है कि AAP नेता तीन राज्यों में अपनी चुनावी हार से सबक लें और "मनगढ़ंत कहानियां" बेचना बंद कर दें। बता दें कि, AAP ने मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में 200 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन सभी पर हार गई। कई जगह उसे नोटा से भी कम वोट मिले और तीनों राज्यों में AAP का वोट प्रतिशत 1% से भी कम रहा। 

उल्लेखनीय है कि, इस समय दिल्ली में सत्तारूढ़ पार्टी 'मैं भी केजरीवाल' अभियान चला रही है, जिसे 1 दिसंबर को शुरू किया गया था। AAP का ये अभियान वैसा ही है, जैसा आज से 11-12 साल पहले 'मैं भी अन्ना' अभियान चला था। उस दौरान केजरीवाल राजनेता नहीं हुआ करते थे, वे समाजसेवी अन्ना हज़ारे के शागिर्द थे, जो देश से भ्रष्टाचार ख़त्म करने और भ्रष्ट नेताओं पर कार्रवाई की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे थे। उस वक़्त केजरीवाल भ्रष्ट नेताओं को जेल में डालने की मांग करते थे, वे सोनिया गांधी को भ्रष्ट बताकर उन्हें अरेस्ट करने की मांग करते थे। हालाँकि, उस समय केजरीवाल दावा करते थे कि, वे राजनीति में नहीं आएँगे, लेकिन वे आए और बोले कि हम राजनीति बदलने आए हैं, हम कोई गाडी, बंगला, सुरक्षा नहीं लेंगे, लेकिन उन्होंने वो सभी चीज़ें भी ली। केजरीवाल कहते थे कि, यदि किसी नेता पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा हो, तो पहले उसे अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए और निर्दोष साबित होने पर ही पद पर वापस आना चाहिए। अब खुद केजरीवाल पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे हैं, और वे जनता से राय ले रहे हैं कि अगर गिरफ्तार हुए तो उन्हें जेल से सरकार चलानी चाहिए या इस्तीफा दे देना चाहिए।      

 

इस अभियान के तहत, AAP नेता और स्वयंसेवक शहर भर में घर-घर जा रहे हैं और लोगों से पूछ रहे हैं कि क्या केजरीवाल को दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए या कथित शराब घोटाला मामले में गिरफ्तार होने पर जेल से सरकार चलानी चाहिए। AAP के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा है कि, 'भाजपा केजरीवाल को झूठे मामलों में गिरफ्तार करना चाहती है, क्योंकि वे उनसे डरती हैं। वे केजरीवाल को दिल्ली चुनाव में नहीं हरा सकते। इसलिए, वे झूठे मामलों में फंसाकर AAP सरकार को अस्थिर करना चाहते हैं।" 

AAP का दावा है कि, वो अभियान के जरिए भाजपा की कथित 'साजिशों' का 'काला सच' दिल्ली की जनता के सामने लाने का काम कर रही है। एक बयान में AAP ने कहा है कि वह इस बारे में जनता की राय जानने की कोशिश कर रही है कि फर्जी मामले में गिरफ्तार होने पर क्या केजरीवाल को दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए या जेल से सरकार चलानी चाहिए। भारद्वाज ने कहा कि, "इस अभियान के तहत, पार्टी कार्यकर्ता हर घर में पत्रक बांट रहे हैं, जिसमें उन्हें बताया जा रहा है कि कैसे AAP नेताओं को भाजपा की साजिशों के तहत आधारहीन और झूठे मामलों में फंसाया जा रहा है।" 

आरोपों का जवाब देते हुए, भाजपा नेता सचदेवा ने कहा कि कोई भी केजरीवाल को किसी झूठे मामले में नहीं फंसा रहा है, लेकिन "सच्चाई" यह है कि शराब "घोटाले" की जांच उन तक पहुंच गई है। उन्होंने दावा किया कि, ''सौरभ भारद्वाज जैसे AAP नेताओं को ध्यान देना चाहिए कि अगले 15 महीनों में पार्टी को दिल्ली में दोहरी हार का सामना करना पड़ेगा - पहले लोकसभा चुनाव में और बाद में विधानसभा चुनाव में।''

'मैं भी केजरीवाल' अभियान के बारे में बोलते हुए भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली की जनता ने केजरीवाल को सरकार चलाने के लिए बहुमत दिया और इसीलिए आम आदमी पार्टी उनकी राय जानने के लिए उनके पास जा रही है। उन्होंने कहा कि, "लोगों की राय एक रजिस्टर में दर्ज की जा रही है और पूरी दिल्ली से डेटा इकट्ठा किया जा रहा है। हमें दिल्ली के लोगों से अपार समर्थन मिल रहा है।" बयान में कहा गया है कि 20 दिसंबर को अभियान समाप्त होने के बाद इस मुद्दे पर कॉल के लिए सभी प्रतिक्रियाएं केजरीवाल के समक्ष प्रस्तुत की जाएंगी। 

उल्लेखनीय है कि, पिछले महीने, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने केजरीवाल को कथित दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए बुलाया था। मुख्यमंत्री केंद्रीय एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए और आरोप लगाया कि उसका समन "अवैध और राजनीति से प्रेरित" था। उस दिन सीएम केजरीवाल मध्य प्रदेश में चुनाव प्रचार करने के लिए पहुँच गए थे। केजरीवाल ठीक उसी दिन मध्य प्रदेश में प्रचार करने आए, जिस दिन ED ने उन्हें समन किया था, उस एक बार के अलावा, न तो दिल्ली के सीएम उससे पहले प्रचार करने आए और न ही उसके बाद।  

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